-डेंगू के प्रकोप के बीच भी शहर के कई इलाकों में पसरे हैं कूड़े के ढेर

- निगम का दावा- जारी है कूड़ा उठान, डेंगू से हो रहा व्यवधान

DEHRADUN: स्वच्छ दून, सुंदर दून का स्लोगन महज एक कल्पना भर रह गया है। शहर में जहां देखो कूड़ा पसरा है और जिम्मेदार विभाग और नगर निगम को इसकी कोई परवाह ही नहीं है।

जहां देखो, वहां कूड़ा

साढ़े तीन लाख से ज्यादा आबादी वाले दून की सड़कों पर कूड़े के ढेर दिखना आम बात है। न केवल मुख्य सड़कें बल्कि रिहायशी इलाकों की गलियों में भी कूड़े के अंबार लगे मिलते हैं। आबादी के बढ़ने के साथ-साथ शहर में कूड़े की ढेर भी बढ़ते जा रहे हैं। इधर, नगर निगम प्रशासन का कहना है कि बरसात में थोड़ा दिक्कतें आती रही हैं, लेकिन जितना कूड़ा उठान होना चाहिए था, उतना नहीं हो पा रहा।

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जहां अक्सर दिखते हैं कूड़े के ढेर

ईदगाह, कुम्हार मंडी, सर्वे चौक, चकराता रोड, अपर राजीव नगर, चंदरनगर, कालीदास मार्ग, मच्छी बाजार, नेशविला रोड, गांधीग्राम, चुक्खू मोहल्ला, गढ़ीकैंट, राजेंद्र नगर, मोहनी रोड, कर्जन रोड, सहारनपुर रोड, तहसील चौक सब्जी मंडी प्रमुख स्थान हैं।

सिटी में कूड़े की स्थिति

क्षेत्र---मैट्रिक टन

औद्योगिक क्षेत्र--ख्7

मलिन बस्ती--क्.0भ्

घरेलू--क्क्भ्

मेडिकल--ख्फ्

व्यवसायिक--9ब्

रोजाना जमा होता है---करीब फ्भ्0 मीट्रिक टन

निगम के मुताबिक उठ रहा है ख्भ्0 मीट्रिक टन

ऐसे तो संभव नहीं स्मार्ट सिटी की कल्पना

दून शहर की पहचान मानो कूड़े वाले शहर जैसी हो गई है। एक दिन कूड़ा उठता है तो दूसरे दिन फिर से ढेर हो जाता है। जिम्मेदार महकमा बेपरवाह है।

अराधना, राजपुर रोड।

आम आदमी टैक्स अदा करता है तो जिम्मेदार विभाग को सफाई पर भी ध्यान देना चाहिए। वैसे भी बीमारियों की शिकायतें चरम पर हैं। जनता में आक्रोश लाजमी है।

ऊषा, धर्मपुर।

ये तो हर रोज का रोना है, शहर में कूड़ा दिख जाता है। समझ में नहीं आता है कि नगर निगम को आखिरकार कूड़ा उठाने में क्या दिक्कत है। शासन व सरकार को भी इसमें आगे आना चाहिए।

स्वाति, राजपुर रोड।

जिस शहर में कूड़े के ढेर हर रोज दिख जाएं तो उसके स्मार्ट सिटी की क्या कल्पना की जा सकती है। ऐसा लगता है कि शहर की साफ सफाई के लिए कोई सरकार व विभाग सुनने वाला नहीं।

पिंकी, डीएल रोड।

कूड़े की समस्या दून शहर के लिए नई बात नहीं है। अब शासन-प्रशासन अपनी आदत से मजबूर हो गए हैं, लेकिन जब बीमारियां सिर पर हों तो सख्ताई बरतनी चाहिए।

केवल पुंडीर, जीएमएस रोड।

हर इलाके में कूड़ा दिखना आम बात है। कोई खैर-खबर वाला नहीं। एकाध दिन समाचार पत्रों में मामला उजागर होने के बाद फिर से वही हालात हो जाते हैं।

रोशन राना, झंडे बाजार।

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कूड़ा उठान में निरंतरता बनी हुई है। बरसात में थोड़ा बहुत दिक्कतें आती हैं। डेंगू पर भी निगम का ज्यादातर फोकस है। फिर भी कोशिशें जारी हैं।

विनोद चमोली, मेयर।