- रविवार शाम तक आंसू बहाने वाले भीम लाल को सीएम से मिले आश्वासन

-जद्दोजहद के बाद मिल पाए भीमलाल, लगाए सीएम जिंदाबाद के नारे

>DEHRADUN: मुख्यमंत्री हरीश रावत को पिता तुल्य बताने वाले और उसके बाद शनिवार से सीएम के खिलाफ ही मोर्चा खोलने वाले घनसाली के पूर्व विधायक भीमलाल आर्य की सीएम के साथ आखिरकार डील हो ही गई। रविवार शाम तक आंसू बहाने वाले भीमलाल ने आश्वासन के बाद अपना धरना समाप्त कर दिया। वहीं सीएम आवास से निकलने के बाद उन्होंने सीएम के पक्ष में जमकर नारे लगाए। हालांकि बताया जा रहा है कि सीएम हरीश रावत ने भीमलाल को मिलने के लिए करीब दो घंटे तक अपने दफ्तर में बैठाए रखा।

फ्0 मिनट तक चली वार्ता

टिहरी जिले के घनसाली क्षेत्र को ओबीसी क्षेत्र का दर्जा दिए जाने, या घनसाली को जिला बनाने की मांग को लेकर पूर्व विधायक भीमलाल आर्य शनिवार सुबह से सीएम आवास के बाहर धरने पर बैठे हुए थे। हकीकत यह रही कि दो दिनों तक सीएम ने भी उनसे बात करने तक की जहमत नहीं उठाई और पिछले गेट से आते-जाते रहे। भीमलाल ने रात भी धरना स्थल पर ही गुजारी। लेकिन रविवार शाम को अचानक सीएम आवास से उनको मिलने का निमंत्रण मिला। हालांकि निमंत्रण मिलने के बाद उन्हें सीएम से मिलने के लिए दफ्तर में करीब दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा। इसके बाद महज फ्0 मिनट तक भीमलाल आर्य की सीएम से मुलाकात हुई। जिसमें सीएम ने उनकी मांगें नहीं मानी, बल्कि आश्वासन दिया। बताया जा रहा है कि सोमवार को सीएम इस बावत प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।

लगाए सीएम जिंदाबाद के नारे

मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद वह बाहर निकले तो मुख्यमंत्री हरीश रावत के पक्ष में जिंदाबाद के नारे लगाते हुए बाहर निकले।

सीएम ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

पत्रकारों से बातचीत में भीमलाल बोले, सीएम ने करीब एक घंटे उनकी बात सुनी। सीएम ने घनसाली क्षेत्र की सभी जातियों को ओबीसी में शामिल करने के अनुरोध पर ओबीसी आयोग से रिपोर्ट मंगवाकर मामले में उचित कार्रवाई का भरोसा दिया।

दो दिनों में अलग-अलग सुर

शनिवार तक भीमलाल मुख्यमंत्री को उनके आंसूओं की कीमत चुकाने की बात कहते रहे तो रविवार सुबह उनके सुर भी बदलने लगे थे। सीएम के खिलाफ कटाक्ष करने के बजाय सम्मान दिखाने लगे थे। शायद उन्हें भरोसा होने लगा था कि रविवार शाम तक सीएम उन्हें वार्ता के लिए बुला लें।