- संस्थानों के लिए पीसीआई की मान्यता भी हुई अनिवार्य

- 15 सीटों पर ही मिलेगा एडमिशन

- देशभर के संस्थानों में घटेंगी फार्मा कोर्सेज की सीटें

ravi.priya@inext.co.in

DEHRADUN: देशभर में फार्मेसी कोर्सेज की सीटों की संख्या पर इस साल बड़े पैमाने पर कैंची चलने वाली है। देश के फार्मा संस्थानों में संचालित फार्मेसी कोर्सेज की निर्धारित सीटें तकरीबन आधी रह जाएंगी। इतना ही नहीं इस सेशन से संस्थानों को फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता लेनी भी अनिवार्य होगी।

निर्धारित की अधिकतम क्भ् सीटें

उत्तराखंड की बात करें तो यहां के फार्मा संस्थानों में फार्मेसी के फार्मास्यूटिक्स, फार्मा केमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी, फार्माकोगनोसी और क्वॉलिटी एश्युरेंस स्पेशलाइजेशन कोर्सेज में अभी तक न्यूनतम क्8 व अधिकतम फ्म् सीटों पर एडमिशन दिया जाता है। प्रदेश भर में तकरीबन फ्,भ्00 फार्मा सीटों पर ही कैंडिडेट्स एडमिशन प्राप्त करते हैं। लेकिन अब यह आंकड़ा लगभग आधा ही रह जाएगा। उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो। पीके गर्ग के मुताबिक काउंसिल ने यह कदम क्वॉलिटी इंप्रूवमेंट के लिए उठाया है। उन्होंने बताया कि इस कदम से न सिर्फ सिस्टम बेहतर होगा बल्कि संस्थानों में एडमिशन की होड़ से गिरती गुणवत्ता पर भी लगाम लगेगी।

वर्जन----

अभी तक संस्थानों को फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता लेना अनिवार्य नहीं था.नए फैसले के बाद प्रदेश के संस्थानों में सीटों की संख्या काफी घट जाएगी।

---- डा। विजय जुयाल, रजिस्ट्रार, एचएनबी उत्तराखंड मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी