बजट सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल में उठा फंडिंग पैटर्न का मामला

विपक्ष की ओर से मदन कौशिक तो सरकार की ओर से सीएम ने संभाला मोर्चा

DEHRADUN: सदन में बजट सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल में करीब एक घंटा फंडिंग पैटर्न में बदलाव से केंद्रीय मदद में राज्य को हुए नुकसान के मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जमकर बहस हुई। सरकार केंद्रीय करों में राज्य का अंश फ्ख् फीसद से बढ़ाकर ब्ख् फीसद होने के बावजूद ब्लाक ग्रांट खत्म होने से क्भ्00 करोड़ से अधिक के नुकसान की दलील देती रही, तो विपक्ष भी सरकार पर जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए राज्य को कुल केंद्रीय संसाधनों में फायदा मिलने की बात पर अड़ा रहा। विपक्ष के तीखे हमलों पर मुख्यमंत्री को मोर्चा संभालना पड़ा। करीब घंटे भर चले इस गतिरोध के बाद स्पीकर ने बजट चर्चा के दौरान ही इस मुद्दे पर भी चर्चा कराने का आश्वासन दिया।

क्भ्00 करोड़ से अधिक नुकसान

भाजपा के विधायक मदन कौशिक के प्रश्न के जवाब में वित्तमंत्री इंदिरा हृदयेश ने कहा कि क्ब्वें वित्त आयोग की संस्तुति पर भले केंद्रीय करों में राज्य का अंश दस फीसद बढ़ाया गया, मगर केंद्र की नई व्यवस्था के कारण राज्य को पूर्व की तरह एसपीए, एससीए व सामान्य केंद्रीय सहायता आदि अनुदान नहीं मिले। यह ब्लाक ग्रांट समाप्त होने से राज्य को केंद्रीय संसाधनों के हस्तांतरण में क्भ्00 करोड़ से अधिक नुकसान हुआ।

विधायक कौशिक ने वित्त मंत्री के तर्क को भ्रमित करने वाला बताते हुए सरकार को इस पर बहस की चुनौती दी। विपक्ष के कड़े तेवर देख मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मोर्चा संभालते हुए मदवार केंद्रीय मदद में नुकसान के आंकड़े प्रस्तुत किए। उन्होंने नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए राज्य को कुल क्म्9ब्.फ्भ् करोड़ नुकसान का दावा किया।

ख्भ् हजार करोड़ धनराशि मिलने का दावा

नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट व विधायक कौशिक ने सरकार पर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए केंद्र से राज्य को अब तक ख्भ् हजार करोड़ धनराशि मिलने का दावा किया।

कांग्रेस विधायक नवप्रभात की मांग पर वित्तमंत्री इंदिरा हृदयेश ने इस मामले में सदन में जल्द श्वेत पत्र जारी करने पर हामी भरी। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण के हवाले से उत्तराखंड, उड़ीसा व तमिलनाडू को सर्वाधिक नुकसान होने का दावा किया। नेता प्रतिपक्ष ने राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सर्वे न कराने पर भी सवाल उठाए।