देहरादून (ब्यूरो) शहर में अधिकांश मेन सड़कों पर फुटपाथ नहीं हैं, लेकिन जहां हैं भी वह भी पूरी तरह चलने लायक नहीं है। कहीं ट्रांसफार्मर तो कहीं पोल और कहीं अतिक्रमण रास्ता रोके हुए हैं। जिससे पब्लिक को थोड़ा फुटपाथ पर चलकर फिर नीचे सड़क पर उतरकर चलने को मजबूर होना पड़ रहा है। इससे लोग एक्सीडेंड का भी शिकार हो रहे हैं। लंबे समय से ये राह के रोड़ हटे नहीं हैं। घंटाघर के आस-पास स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत बिजली के पोल और ट्रांसफार्मर अंडर ग्राउंड हुए हैं, बाकी सड़कों पर बुरा हाल है।

रोड चौड़ी, एक्सीडेंट का बढ़ा खतरा
दून की अधिकांश मेन रोड चौड़ी हो गई है। पिछले 5 में ट्रैफिक का भी भारी दबाव बढ़ा है। रोड चौड़ी होने के साथ ही डामरीकरण हुआ है। इससे वाहनों की स्पीड काफी बढ़ गई है। ऐसे में फुटपाथ पर चलते-चलते अचानक फुटपाथ बंद होने पर यदि कोई राहगीर अचानक नीचे उतर जाता है, तो उसे पीछे से आने वाले वाहन से एक्सीडेंट होने का खतरा है। हर दूसरे-तीसरे दिन ऐसे केस सामने भी आ रहे हैं।

फुटपाथों पर निर्माण अधूरा
रोड चौड़ी होने के साथ ही डामरीकरण से चमाचम बन गई, लेकिन जहां पर ट्रांसफार्मर या अतिक्रमण है वहां पर फुटपाथ अधूरा छोड़ दिया गया है। इससे जहां रोड खराब लग रही है वहीं पब्लिक को भी चलने के लिए फुटपाथ नहीं मिल पा रहे हैं। सवाल यह है कि आखिर कब तक फुटपाथ कब्जे से बाहर होंगे जिससे लोग एक्सीडेंट के खतरे से बच सकें। यही नहीं जिन सड़कों पर फुटपाथ नहीं है पब्लिक वहां पर फुटपाथ बनाने की भी मांग कर रही है।

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