बाजार से तीसरी बार कर्ज ले रही हरीश सरकार

बढ़ते खर्च की तुलना में राज्य की आमदनी में नहीं हो रहा इजाफा

DEHRADUN: उत्तराखंड सरकार फिर उधार लेकर अपने कर्मियों को वेतन और पेंशन देगी। राज्य को क्000 करोड़ उधार लेने को केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से अनुमति मिल गई है। चालू वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में यह तीसरा मौका है, जब ऋण लेने की नौबत आई है।

वेतन भुगतान बना चुनौती

सेवारत कार्मिकों के वेतन-भत्ते, मानदेय और सेवानिवृत्त कार्मिकों के पेंशन भुगतान में बजट का अधिकतर हिस्सा खर्च हो रहा है। सरकार की चिंता ये है कि बढ़ते खर्च की तुलना में राज्य की आमदनी में अपेक्षित इजाफा नहीं हो पा रहा है। ऐसे में महीनेवार कार्मिकों को समय पर वेतन भुगतान की चुनौती सरकार के सामने है। वहीं प्लान मद में विकास कार्यो को अंजाम तक पहुंचाने के लिए धनराशि की जरूरत महसूस की जा रही है।

नहीं मिल रही कें द्रीय मदद

क्ब्वें वित्त आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद से राज्य को ब्लॉक ग्रांट और विशेष आयोजनागत मद के रूप में मिलने वाली एकमुश्त केंद्रीय मदद बंद हो चुकी है। नतीजतन राज्य सरकार ने एक बार फिर अपनी जरूरतों की पूर्ति को बाजार से क्000 करोड़ ऋण उठाने का फैसला लिया है। इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी गई थी। केंद्र सरकार और आरबीआई ने राज्य के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के लिए भ्8भ्भ् करोड़ की ऋण सीमा तय कर चुकी है। राज्य अपनी आवश्यकता के मुताबिक इस सीमा तक ऋण ले सकता है। ऋण इस सीमा के बाहर जाने की स्थिति में केंद्र से अनुमति मिलने में पेच फंस सकता है। फिलहाल यह स्थिति नहीं आई है। राज्य सरकार इससे पहले 790 करोड़ का ऋण ले चुकी है। क्000 करोड़ ऋण लेने के बाद यह राशि बढ़कर क्790 करोड़ हो जाएगी। वित्त सचिव अमित नेगी के मुताबिक राज्य को विकास कार्यो के लिए धन की आवश्यकता है, लिहाजा ऋण लेने का फैसला लिया गया है।