- कुमौड़ की प्रसिद्ध मुखौटा नाटिका हिलजात्रा सम्पन्न

- हास्य, कृषि और श्रद्धा का अद्भुत मंचन

PITHORAGAH: शुक्रवार को कुमौड़ की प्रसिद्ध मुखौटा नाटिका हिलजात्रा सम्पन्न हो गई। हिलजात्रा में हास्य, कृषि और श्रद्धा का अद्भुत मंचन देखने को मिला। हजारों की संख्या में मौजूद दर्शक नेपाल जान्या नेपाली छौरा के गीतों पर झूमे। भगवान शिव के परमप्रिय गण वीरभद्र के लखिया के रूप में पराक्रम के साथ मैदान में पहुंचते ही हास्य और कृषि के स्थान पर लोगों की श्रद्धा उमड़ पड़ी। इस दौरान लखिया से आशीर्वाद के लिए हजारों शीश एक साथ झुके।

घोडि़या ने दिया संदेश

हिलजात्रा के परंपरागत मैदान के चारों तरफ कुमौड़ क्षेत्र के मकानों की छतें, छज्जे जिसे जहां जगह मिली वहां से हिलजात्रा देखने रम गए। रंग-बिरंगे मुखौटों के सहारे मंचित होने वाले इस उत्सव का शुभारंभ परंपरा के तहत नाटिका के सूत्रधार ने की। सूत्रधार जिसे स्थानीय स्तर पर घोडि़या कहा जाता है उसने मैदान में आकर मंचन शुरू होने का संदेश दिया।

रोपाई का किया मंचन

सबसे पहले दही वाला मैदान में पहुंचा। इसके बाद मछुवारे, हुक्का चिलम वाले, बड़े बैलों की जोड़ी, नेपाली बैलों की जोड़ी, गाल्या बैल (नटखट बैल), छोटे बैलों की जोड़ी, हिरणचित्तल, बुढि़या, नाचनी गाती पुतारियां मुखौटे पहन कर मैदान में पहुंची। मैदान में पहुंच कर कृषि कर्म होने लगे जिसमें मुख्यतया रोपाई का मंचन किया गया।