-विपक्ष ने मानव तस्करी का मामला सदन में उठाया

-विपक्ष ने कहा, सात महीने के भीतर कई युवतियां हुई हैं गायब

-सीएम बोले, पीएचक्यू में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल का गठन हुआ

DEHRADUN: अल्मोड़ा जिले के अलावा राज्य के कई जिलों में हो रही मानव तस्करी का मामला सदन में जोर-शोर से गूंजा। विपक्ष ने प्रभावित जिलों में कुछ युवतियों व महिलाओं के गायब होने की बात कहकर सदन में चर्चा की मांग की। बदले में सीएम हरीश रावत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सदन को अवगत कराया कि पुलिस हेडक्वार्टर में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल का गठन किया गया है। जबकि एक ह़फ्ते पहले ही अल्मोड़ा में एसआईटी गठित कर एएसपी की तैनाती कर दी गई है।

विधायक सुरेंद्र जीना ने उठाया मामला

भोजनावकाश के बाद अपहरा्न तीन बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई। वैसे ही सल्ट से बीजेपी के विधायक सुरेंद्र सिंह जीना ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लड़कियां गायब करने वाला गिरोह सक्रिय हो चुका है। आंकड़े बताते हुए उन्होंने सदन को बताया कि अकेले तल्ला सल्ट से सात महीने के भीतर क्क् लड़कियां गुम हो गई हैं। मामले की जानकारी सीएम से लेकर गृह मंत्री, शासन प्रशासन को दी गई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। मामला मानव तस्करी से संबंधित हो सकता है। सवाल के जवाब में गृह मंत्री प्रीतम सिंह ने दो युवतियों का मामला सामने आने के साथ कार्रवाई की बात कही। कहा कि ग्राम प्रधानों से लिखित रूप में दिया कि कहीं कोई युवतियां या फिर महिलाएं गायब हुई हैं। गृह मंत्री के जवाब ने नाखुश विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। सल्ट के विधायक सुरेंद्र सिंह जीना वैल में आ गए। विधायक मदन कौशिक और नेता प्रतिपक्ष ने मामले को गंभीर बताते हुए सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा। नेता प्रतिपक्ष ने एक महिला को कुछ सुंघा कर बेहोश करने का उदाहरण बताया।

शहरों में नजर रख रही है टीमें

सरकार की तरफ से मिले जवाब से विपक्ष के संतुष्ट न होने के एवज में खुद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कमान संभाली। सीएम ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि युवतियों व महिलाओं की जितनी भी घटनाएं सामने आए आई हैं, उसकी रिपोर्ट सदन में रखी जाएगी। इसके अलावा एसआईटी का गठन किया गया है। इसके अलावा प्रभावित शहरों में आठ एसआईटी की टीमें गठित कर दी गई है। रुद्रपुर विधायक के राजकुमार ठुकराल के विधानसभा क्षेत्र के सवाल पर भी सीएम ने कहा कि वह भी टीम गठित कर दी जाएगी। सीएम ने कहा कि पुलिस हेड क्वार्टर में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल का गठन पहले से ही किया जा चुका है। मुख्यमंत्री के उत्तर के बाद पीठ ने नियम भ्8 की सूचना का अग्राह्य घोषित कर दिया।