-रि-डेवलपमेंट प्लान में दुकान लेने को चल रहा खेल
-एमडीडीए दुकान चलाने वालों को नए प्रोजेक्ट में देगा दुकानें
-नए प्रोजेक्ट के समर्थन को लेकर भी व्यापारी दो फाड़
>DEHRADUN: देहरादून के इंदिरा मार्केट के रि-डेवलपमेंट प्लान के तहत दुकान पाने को लेकर मार्केट में अवैध कब्जे शुरू हो गए हैं। वहीं कई ने अपनी दुकानों को बढ़ाना शुरू कर दिया है। दरअसल एमडीडीए इस मार्केट को तोड़कर कॉम्प्लेक्स बनाने की तैयारी कर रहा है। जो यहां पहले से दुकान चला रहे हैं, उन्हें इस कॉम्प्लेक्स में दुकानें दी जानी है। इसी को लेकर अब लोग जगह-जगह टीनशेड लगाकर दुकान बनाने में लगे हैं। वहीं इस प्रोजेक्ट के समर्थन को लेकर व्यापारियों में दो फाड़ नजर आ रहे हैं।
इंदिरा मार्केट में अवैध कब्जे
इंदिरा मार्केट की स्थिति देखी जाए तो करीब क्भ्भ् दुकानदारों ने दुकानों का पूर्ण भुगतान किया था, वहीं सवा सौ से ज्यादा दुकानदारों ने ख्भ् प्रतिशत का भुगतान कर दिया था। इसके अलावा करीब भ्0 दुकानें नगर निगम से अलॉट बताई जा रही है, जिसको लेकर कोर्ट में मामला चल रहा है। वहीं करीब 80 दुकानें टैक्सी स्टैंड मार्केट की हैं। इसके अलावा दर्जनों दुकानें भी बना ली गई जो अवैध बताई जाती हैं।
फिर शुरू हुआ कब्जाें का खेल
रि-डेवलपमेंट प्लान के तहत दुकानदारों को उसमें दुकानें मिलने की बात सामने आई है, तब से मार्केट में अवैध कब्जे बढ़ने लगे हैं। कुछ ने टीशेड से ही दुकानें बना दी है, वहीं कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकान का एरिया बढ़ाने के लिए उसे आगे बढ़ा लिया हैं। ताकि उन्हें नए प्लान में दुकानें मिल जाएं।
कई सालों से चल रहा है विवाद
इंदिरा मार्केट के रि-डेवलपमेंट का मामला नया नहीं है। यह प्रक्रिया पिछले एक दशक से भी अधिक से समय चल रही है। एमडीडीए ने पहले इसे द मॉल योजना का नाम दिया था। तभी से व्यापारी इसका विरोध करते नजर आ रहे हैं।
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दुकानों को उजाड़ने की नहीं, हम फ्री होल्ड करने की मांग कर रहे हैं। वहीं हमें उजाड़ने की तैयारी चल रही है।
--प्रदीप तोपवॉल,
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हमारा व्यापार पिछले काफी समय चल रहा है, ऐसे में उनकी दुकानें यहां से हटा दी जाएंगी तो उनका व्यापार ठप हो जाएगा।
--अनिल कुमार
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जिन दुकानदारों का पैसा रह गया है, उनका पूरा पैसा जमा कराकर दुकानें फ्री होल्ड की जाएं। दुकानें उजाड़ने से समाधान नहीं निकलेगा।
--गुरभेज सिंह,
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एमडीडीए ने जो प्लान बनाया है, उस पर व्यापारियों से सुझाव मांगे गए हैं। यदि हमारे सुझाव माने जाते हैं तो हमें इससे कोई परेशानी नहीं है।
--रवि गुलाटी
जो प्लान बना है, उसमें कुछ परेशानी हैं। उन्हें दूर करने के लिए सुझाव दिए जाएंगे। यदि हमारी मांग पूरी होती है तो हम इस प्रोजेक्ट पर सहमति देंगे।
--गुरवेंद्र सिंह
हमारा जो काम है, वह फ्रंट की दुकान पर ही हो सकता है। यदि हमें पीछे दुकान दी जाएगी तो हमारा व्यापार ठप हो जाएगा। हम इसका विरोध करते हैं।
--इमरान, दुकानदार
पहले जो मंत्री इसका विरोध कर रहे थे, आज वो ही इसके पक्ष में हैं। हमसें कोई राय नहीं ली जा रही। यह गलत हैं और हम अपनी दुकानें नहीं टूटने देंगे।
--अनंत आकाश, सचिव टैक्सी स्टैंड मार्केट सोसायटी
फोटो इन में हैं, अरुण जी ने दिए होंगे