गुलदार के आतंक की वजह से किसानों ने खेतों पर जाना छोड़ा

कार्रवाई के नाम पर केवल वनकर्मियों की गश्त बढ़ाने की बात

ROORKEE:

गुलदार के आतंक की वजह से रात में तो किसानों ने खेतों पर जाना छोड़ दिया है, वहीं दिन में भी किसान समूह में खेतों में जा रहे हैं। अभी तक तो जंगली जानवर (वनरोज, गुलदार, हाथी) फसलों को ही नुकसान पहुंचा रहे थे लेकिन अब जंगली जानवरों ने खेतों में काम करने वालों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है.वन विभाग भी कार्रवाई के नाम पर केवल वनकर्मियों की गश्त बढ़ाने की बात कह रहा हैं।

घाड़ क्षेत्र में गुलदार का आतंक

पिछले दिनों कलियर क्षेत्र के कोटा मुरादनगर गांव में गुलदार ने एक दस साल के बच्चे को निवाला बना लिया था। इसके बाद से घाड़ क्षेत्र के करीब एक दर्जन से अधिक गांव में गुलदार का आतंक बना हुआ है। कोटामुरादनगर, जस्वावाला, बेलकी मसाई, रसूलपुर, आसफनगर, शहीदवाला ग्रंट गांव में गुलदार का आतंक बना हुआ है। गन्ना विकास परिषद के चेयरमैन रामनरेश सैनी ने बताया कि कोटा मुरादनगर गांव में तो किसान रात के समय खेतों में जाने से भी कतरा रहे हैं, दिन में पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं आती है जबकि रात में गुलदार के खौफ से किसान नहीं जा रहे हैं। इसके चलते फसलें भी सूखने लगी हैं। हजलौरा गांव निवासी शमीम, नसीम, मसाई कला के सुखपाल, प्रदीप व अशोक ने बताया कि कभी गुलदार दिखाई दे रहा है तो कभी उसके बच्चे, जिसकी वजह से लोगों को दिक्कत हो रही हैं, वन विभाग को इस बारे में सूचना दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

'हरिपुर टोंगिया आदि में दो, तीन दिन से हाथियों के आने की सूचना मिली हैं, इसके अलावा शहीदवालाग्रंट में तीन दिन पहले गुलदार देखा गया था, वनकर्मियों की गश्त बढ़ा दी गई है, कोटा मुरादनगर में तो ¨पजरा भी लगाया गया हैं, हालांकि अभी गुलदार को पकड़ने में सफलता नहीं मिल पाई है.'

अजय ध्यानी वन रेंजर खानपुर वन रेंज