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- धनौरी क्षेत्र के कई इलाकों में गुलदार का आतंक

- दिनदहाड़े भी किसान नहीं जा पा रहे खेतों में काम करने

DHNAURI: धनौरी क्षेत्र के लोग लंबे समय से गुलदार के आतंक से परेशान हैं, लेकिन वन विभाग के पास गुलदार को पकड़ने के लिए पर्याप्त पिंजरे नहीं हैं। लगातार शिकायत आने पर वन विभाग ने हर जगह ¨पजरा लगाने से अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। गुलदार के आतंक के चलते ग्रामीण दोपहर में भी खेतों में जाने से डर रहे हैं।

विभाग ने खड़े किए हाथ

धनौरी क्षेत्रों में गुलदार का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। सुबह-शाम आबादी क्षेत्र के आसपास गुलदार दिखाई देने से ग्रामीण दहशत में हैं। हाल ही में ग्राम जसवावाला में दस वर्षीय बालक को गुलदार ने निवाला बनाया था, जबकि लगातार पशुओं को निवाला बनाने की घटना से ग्रामीण खौफ में है। शिकायत के बाद भी वन विभाग के दावे हवाई साबित हो रहे हैं। जानकारों की मानें तो वन विभाग के पास ¨पजरे तक कम हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब खानपुर रेंज में गुलदार पकड़ने के लिए ¨पजरा लगाने की मांग उठी। लेकिन मात्र तीन ¨पजरे होने के चलते हर जगह ¨पजरा लगाने से विभाग ने हाथ खड़े कर दिये।

विभाग के पास बस तीन पिंजरे

रेंज के पास सिर्फ तीन ¨पजरे हैं, लेकिन गुलदार प्रभावित गांवो की ओर से आए प्रार्थना पत्र के हिसाब से तकरीबन आधा दर्जन से अधिक ¨पजरों की आवश्यकता है। रेंजर एके ध्यानी ने बताया कि उच्चाधिकारियों को ¨पजरे की समस्या को लेकर अवगत कराया गया है। उम्मीद है कि इसी हफ्ते रेंज को और ¨पजरे मिल जाएंगे।

खौफ में जी रहे लोग

माच्छरहेड़ी निवासी रघुवीर सिंह का कहना है कि किसान पहले से ही जंगली जानवरों के आतंक से परेशान हैं। पहले हाथी व नीलगायों ने फसलों को नुकसान पहुंचाया था और अब गुलदार के आतंक से किसान खेत तक भी नहीं जा पा रहे हैं। कोटामुरादनगर निवासी ईसम सिंह का कहना है कि जंगली जानवरों के भय के कारण किसान ¨सचाई भी नहीं कर पा रहे हैं।