अभिभाषण में बोले राज्यपाल, गैरसैंण पर सबकी सहमति से जल्द विचार करेगी सरकार

देहरादून,

उत्तराखंड में टीएसआर सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने की ओर आगे बढ़ते हुए प्रदेश में जल्द लोकायुक्त नियुक्त करेगी। शुक्रवार को राज्यपाल के के पॉल ने अपने विधानसभा में अपने अभिभाषण में ये बात कही। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार 2011 में बनाए गए आदर्श लोकायुक्त को प्रभावी तरीके से लागू करेगी। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सूबे की कमान संभालते ही भ्रष्टाचारमुक्त शासन देने का वादा करते हुए खंडूड़ी सरकार के वक्त 2011 में बनाए गए लोकायुक्त को प्रभावी तरीके से लागू करने की बात कही थी।

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क्या था खंडूड़ी का लोकायुक्त

- लोकायुक्त में एक चेयरपर्सन और पांच मेंबर्स की थी व्यवस्था।

- सीएम को भी रखा गया था लोकायुक्त के दायरे में।

- सीएम के अलावा सारे मिनिस्टर्स, एमएलए, आईएएस, आईपीएस अधिकारी व सभी सरकारी कर्मचारियों को रखा गया था।

- अधीनस्थ न्याय पालिका को भी रखा गया था लोकायुक्त के दायरे में, हाई कोर्ट के जजेज को इस दायरे से बाहर रखा गया था।

- लोकायुक्त को आरोपी को उसके पद से हटाने या ट्रांसफर करने का अधिकार दिया गया था।

- आरोप सिद्ध हो जाने पर आरोपी को उम्र कैद या उससे कठोर सजा देने का प्रावधान किया गया था।

- लोकायुक्त के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किए जाने का प्रावधान भी रखा गया था।

नए आयाम स्थापित करेगी सरकार

शुक्रवार को राज्यपाल के अभिभाषण के साथ चौथी विधानसभा के पहले सत्र की शुरुआत हो गई। राज्यपाल ने टीएसआर सरकार के विजन को सामने लाते हुए गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने पर सबकी सहमति के साथ जल्द विचार करने और लोकायुक्त की नियुक्ति के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, रोजगार, कृषि सभी क्षेत्रों में नए आयाम स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ाने की बात कही।

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विभाग मिलते ही एक्शन में मंत्री

गुरुवार देर रात विभागों के बंटवारे के बाद शुक्रवार को टीएसआर सरकार के सभी मंत्री एक्शन में नजर आए। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने मेट्रो और स्मार्ट सिटी को लेकर अधिकारियों को तलब किया तो सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने पूर्ववर्ती सरकार के कई फैसलों पर रोक लगाने के निर्देश दिए। इधर, समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य ने छात्रवृत्ति घोटाले की जांच करने और महिला कल्याण मंत्री रेखा आर्य ने नारी निकेतन का निरीक्षण कर अधिकारियों को लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए।

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यूपी ने किया नहरों का बंटवारा

यूपी सरकार ने उत्तराखंड की परिसंपत्तियों का बंटवारा शुरू कर दिया है। यूपी सरकार ने उत्तराखंड की 28 नहरों को उत्तराखंड को अधिकार देने का फैसला लिया है। आपको बता दें कि यूपी से अलग होने के बाद से ही उत्तराखंड की यूपी के साथ कई परिसंपत्तियों पर विवाद चल रहा है। केन्द्र, यूपी, उत्तराखंड में अब बीजेपी की सरकार है, जिससे अब परिसंपत्तियों का पूरा बंटवारा होने की उम्मीद जताई जा रही है।

प्वाइंटर्स

अभिभाषण की मुख्य बातें

प्वाइंटर्स--

-शिक्षा नीति की समीक्षा की जाएगी।

-प्रत्येक जनपद में छात्राओं के लिए आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे।

-हर ग्राम पंचायत में दीन दयाल उपाध्याय ग्राम्य चिकित्सा केन्द्र खोले जाएंगे, जिनमें नि:शुल्क दवाइयां मिलेंगी।

-पण्डित दीन दयाल उपाध्याय के नाम से एक समेकित नवीन पर्यटन योजना भी चलेगी।

-मेडिकल टूरिज्म विकसित करने के लिए हेल्थ रिजॉ‌र्ट्स, योग तथा आयुर्वेदिक केन्द्र बनेंगे।

-युवाओं के लिए अलग नीति बनाई जाएगी।

-पर्यावरण मित्रों के स्थाई पद सृजित कर नई भर्तियां की जाएंगी।

-महिलाओं के विरूद्ध अपराधों पर रोकथाम के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की जाएगी।

-शहरों में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाली महिलाओं के लिए पर्याप्त मात्रा में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण होगा।

-सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जाति व जनजाति के बैक-लॉग के पदों को प्राथमिकता से भरा जाएगा।

-सरकारी नौैकरियों में दिव्यांग कोटे के खाली पद जल्द भरे जाएंगे।

-पुलिसबल को आधुनिक तकनीक से लैस किया जाएगा।

-आपदा प्रभावितों के लिए प्रभावी विस्थापन और पुनर्निवास नीति बनेगी।

-गेस्ट टीचर्स और संविदा शिक्षकों के समायोजन की कोशिश होगी।

-मदरसों को आधुनिक व कंप्यूटर शिक्षा से जोड़ा जाएगा।

-रेता, बजरी, पत्थर खनन पर एकाधिकार समाप्त होगा।

-टेंडर्स में पारदर्शिता के लिए ई-टेंडरिंग प्रक्रिया होगी।

-लोकसेवक स्थानांतरण अधिनियम दोबारा लागू होगा।

-वरिष्ठ नागरिकों व महिलाओं को सरकारी बसों में किराये में आधी छूट दी जाएगी।