देहरादून ब्यूरो। मास्टर प्लान-2041 का प्रारूप जारी किये जाने के बाद अब पिछले प्लान को लेकर भी कई तरह के सवाल उठाये जा रहे हैं। कुछ जानकारों का तो यहां तक कहना है कि 2008 में लागू किया गया देहरादून मास्टर प्लान (संशोधित)-2013 गलत तरीके से पास किया गया था। मास्टर प्लान यूपी अरबन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट 1973 की धारा 10 (2) के तहत पास किया जाता है, लेकिन यह प्लान धारा 13 (2) में पास किया गया। वास्तव में धारा 13 (2) सुझाव और आपत्तियां मांगने की धार है। इसके बाद फिर से मास्टर प्लान बनाया जाता है।

62 सड़कों को कॉमर्शियल किया था
दून में अब तक लागू देहरादून मास्टर प्लान (संशोधित)-2013 के बारे में कहा जाता है कि इसकी कोई किताब तक जारी नहीं की गई। इस मास्टर प्लान में बिना किसी सर्वे के देहरादून शहर में 62 सड़कों पर कॉमर्शियल घोषित कर दिया गया। जबकि ऐसा करने से पहले फिजिकल सर्वे किया जाना चाहिए था। इस मास्टर प्लान में जोन निर्धारित नहीं किये थे। जबकि धारा 8 (1) के तहत जोन निर्धारण आवश्यक है। बताया जाता है कि 2014 में पुराने मास्टर प्लान यानी 2008 के मास्टर प्लान से जोन कॉपी करके गलत तरीके से इस मास्टर प्लान में डाल दिये गये।

2005 का प्लान 2008 में लागू
एमडीडीए के मुद्दों के जानकार मौजूदा मास्टर प्लान को 2005 लिखे जाने को लेकर भी सवाल उठाते हैं। बताया जाता है कि यह मास्टर प्लान 19 नवम्बर 2008 को एक जीओ के माध्यम से लागू किया गया। ऐसे में सवाल यह उठाया जा रहा है कि 2008 को लागू किये गये मास्टर प्लान में 2008 के नक्शे कैसे पास किये जाएंगे।

ये अनियमिताएं भी हुई
एमडीडीए के मास्टर प्लान और उसे क्रियान्वित करने का लेकर कई गड़बडिय़ां भी हुई है। मसलन वर्ष 2002 में एमडीडीए में मास्टर प्लान के तह हरिद्वार बाइपास से लगी करीब 450 एकड़ जमीन एक्वायर की थी। इस जमीन को शॉपिंग कॉम्लेक्स आदि के रूप में डेवलप किया जाना था। लेकिन, 2006 में एमडीडीए ने रहस्यमय कारणों से यह जमीन छोड़ दी। काश्तकारों ने यह जमीन लोकर प्रॉपर्टी डीलर को बेच दी। अब इस जमीन पर कई तरह के अनियमित निर्माण हो गये हैं और यह सिलसिला लगातार जारी है।

देहरादून मास्टर प्लान अब तक
- 1973 तक विकास संबंधी कार्य रेगुलेशन ऑफ बिल्डिंग ऑरेशंस एक्ट 1958 के तहत किये जाते थे।
- इस एक्ट के तहत रेगुलेशन ठीक से नहीं हुआ तो उत्तर प्रदेश अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्टर-1973 अस्तित्व में आया।
- 29 अक्टूबर, 1984 को मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण का गठन हुआ।
- 1982 में पहला देहरादून मास्टर प्लान-1982-2001 लागू किया गया।
- 2008 में दूसरा देहरादून मास्टर प्लान-2005-2025 लागू हुआ।
- 2013 में देहरादून मास्टर प्लान (संशोधित)-2013 लागू हुआ। यह वर्तमान तक लागू है।
- 2023 में देहरादून मास्टर प्लान 2041 प्रस्तावित है।

लोगों में समझ नहीं आता प्लान
एससी घिल्डियाल एमडीडीए में कई वर्षों तक चीफ टाउन प्लानर रहे हैं। रिटायर होने के बाद वे लगातार देहरादून मास्टर प्लान को लेकर सुझाव और शिकायतें विभिन्न विभागों और एजेेंसियों को भेजते रहते हैं। घिल्डियाल मास्टर प्लान 2041 के बारे में उनका कहना है कि यह न मास्टर प्लान है और जोनल प्लान। आम लोग मास्टर प्लान का मतलब समझ नहीं पाते इसका लाभ उठाकर अधिकारी मास्टर प्लान के नाम पर कुछ भी कह देते हैं। वे कहते हैं कि पहले सेमीनार और अन्य तरह के कार्यक्रम आयोजित कर आम लोगों को मास्टर प्लान समझाना चाहिए। लेकिन अधिकारी नहीं चाहते कि लोग जागरूक हों। ऐसा होने पर उनकी मनमानी खत्म हो जाएगी।

कौन समझेगा इस प्लान को
एसडीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल कहते हैं कि मास्टर प्लान का प्रारूप इंटरनेट पर 311 पेज का है। अंग्रेजी में यह प्रारूप बेहद जटिल है। प्लानिंग से जुड़े लोग ही इसे समझा सकते हैं। ऐसे में आम लोगों से इस पर राय मांगी गई है। 30 दिन का समय दिया गया है। उन्होंने एमडीडीए से अपील की है कि एक प्रारूप को आम नागरिकों को समझाने की व्यवस्था करें, ताकि वास्तव में लोग इस पर अपनी राय दें सकें और देहरादून के मास्टर प्लान में आम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।