- लोवर कोर्ट ने गणेश जोशी के जमानत को किया खारिज

- सोमवार को सेशन कोर्ट में दी जाएगी जोशी की जमानत अर्जी

DEHRADUN

शनिवार को बीजेपी के मसूरी विधायक की बेल को निचली अदालत ने खारिज कर दिया। विधायक जोशी की तरफ से अब सोमवार को सेशन कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल की जाएगी। देहरादून में जेएम सेकेंड कोर्ट में बचाव पक्ष की तरफ से जमानत दिए जाने को लेकर अभियोजन पक्ष के साथ कई घंटों तक लंबी बहस चलती रही। बचाव पक्ष की तरफ से एडवोकेट सीआरएस राघव ने गणेश जोशी को जनप्रतिनिधि बताते हुए कोर्ट में तर्क दिया कि उन्हें गिरफ्तारी के लिए धारा ब्क् का नोटिस दिए बिना गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा कई संगीन धाराएं गिरफ्तारी के बाद विधायक पर लगाइर्1 गई हैं।

पुराने मुकदमों का दिया हवाला

दोपहर को लंच के बाद विधायक जोशी की जमानत पर सुनवाई के लिए एसीजेएम अकरम खान की कोर्ट में बचाव पक्ष और अभियोजन दोनों पक्षों के बीच जमानत पर सुनवाई हुई। कोर्ट में सरकारी वकील अनुप ने अभियोजन का पक्ष रखा। सरकारी वकील ने दावा किया जेल में बंद विधायक गणेश जोशी का पुराना अपराधिक इतिहास है। उनके खिलाफ पहले भी मुकदमे दर्ज किये गये हैं। वर्तमान मामले में विधायक गणेश जोशी ने जानबूझ कर पुलिस के निर्देशों का उल्लंघन किया। प्रशासन की तरफ से लागू धारा-क्ब्ब् को तोड़ा और अपने समर्थकों के साथ प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश किया। वहां विधायक के उकसावे के बाद ही उनके समर्थकों ने भी पुलिस पर हमला किया। इस दौरान विधायक ने लाठी से सरकारी घोड़े को मारा जिसके बाद उसकी टांग टूट गयी।

बचाव पक्ष ने सरकार की साजिश बताया

वहीं इस मामले में बचाव पक्ष की तरफ से वकील सीआरएस राघव ने विधायक की जमानत याचिका लगाई। वकील ने विधायक पर लगे आरोपों को बेबूनियाद बताते हुए कहा कि विधायक को राजनैतिक कारणों से झूठे मुकदमें में फंसाया गया है। विधायक उस समय सरकार विरोधी प्रदर्शन में शामिल थे। इस दौरान पुलिसकर्मी ने विधायक व अन्य लोगों पर घोड़े दौड़ाये। मौके पर मौजूद विधायक ने मानवीय आधार पर अन्य लोगों की मदद की। इस दौरान घोड़ा पहले से सड़क पर लगे लोहे के एंगल में फंस गया। उसके चलते उसकी टांग टूट गयी। इस मौके का सरकार ने लाभ उठाया और विधायक के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया गया।