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आठ नये क्षेत्रों की करीब 66 हजार आबादी को मूलभूत सुविधाएं नहीं

6 माह में मिली सिर्फ टूटी फूटी आरसीसी सड़कें

ROORKEE:

निगम की सीमा में शामिल किए गए आठ नये क्षेत्रों की करीब म्म् हजार आबादी को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं हैं.स्ट्रीट लाइट, ड्रेनेज तो दूर यहां समुचित सफाई तक नहीं हो पा रही है। जगह-जगह गंदगी के ढेर, बजबजाती नालियां, गलियों में बहता पानी इन क्षेत्रों की दुर्दशा बयां करने को काफी है। हालांकि जनप्रतनिधियों के हस्तक्षेप पर निगम प्रशासन सीमित संसाधनों से सफाई आदि कार्य तो करा रहा है लेकिन विस्तृत क्षेत्र के हिसाब से यह व्यवस्था भी नाकाफी है।

क्फ्7 नियमित और क्म्म् स्वच्छता समितियों के जुड़े सफाई कर्मचारी

ख्0क्क् की जनगणना के हिसाब से रुड़की नगर क्षेत्र की आबादी क्.क्8 लाख है। आबादी के मानकों के हिसाब से नगर को ख्0 वार्डों में बांटा गया है। इन वार्डों की सफाई को निगम के पास वर्तमान में सात सफाई नायक और क्फ्7 नियमित और क्म्म् स्वच्छता समितियों के जुड़े सफाई कर्मचारी हैं। करीब छह माह पूर्व शासन ने नगर से सटे खंजरपुर, सुनहरा, रामपुर, सलेमपुर राजपुताना, शेरपुर पाडली गुर्जर और शफीपुर राजस्व ग्राम समेत एक अन्य क्षेत्र रुड़की निगम सीमा में शामिल कर लिया। जिसकी आबादी करीब म्म् हजार है।

पुराने सफाईकर्मियों से चल रहा काम

हैरत की बात यह है कि छह माह बीतने के बाद भी इन क्षेत्रों में दशा में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ। मूलभूत सुविधाओं के नाम पर यहां महज टूटी फूटी आरसीसी सड़कें हैं। सफाई की स्थिति बेहद लचर है तो ड्रेनेज नाम की यहां कोई चीज ही नहीं है। घरों से निकलने वाला गंदा पानी गलियों में बह रहा है। बीते दिनों जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप पर नगर निगम प्रशासन मौजूदा सफाईकर्मियों की मदद से ही इन क्षेत्रों में सफाई आदि कार्य करा रहा है लेकिन इस व्यवस्था से न ही शहर की समुचित सफाई हो पा रही है और न ही नये क्षेत्रों को ही विशेष लाभ मिल पा रहा है।

वैकल्पिक व्यवस्था के तहत मौजूदा सफाईकर्मियों से ही नये क्षेत्रों में भी सफाई कराई जा रही है। प्रति हजार आबादी पर दो सफाई कर्मियों के मानकों के हिसाब से यहां कम से कम क्भ्0 सफाईकर्मी होने चाहिये। हालांकि सड़क, ड्रेनेज और स्ट्रीट लाइट की अलग-अलग डीपीआर तैयार कराई जा रही है। जिसे शासन को भेजा जाएगा.उत्तम सिंह नेगी, सहायक नगर अधिकारी, नगर निगम, रुड़की