देहरादून (ब्यूरो)। पिछले चार वर्षों से उत्तराखंड में 38वें नेशनल गेम्स के आयोजन का झुनझुना गुनगुनाया जा रहा है। लेकिन, वर्तमान सरकार के पांच वर्ष का कार्यकाल भी पूरा हो चुका है। नेशनल गेम्स कब होंगे, अब तक तय नहीं है। हालांकि, अभी गोवा में 36वें व छत्तीगढ़ में 37वें नेशनल गेम्स का आयोजन होना बाकी है। लेकिन, इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन का कहना है कि उत्तराखंड चाहे तो तीनों प्रस्तावित नेशनल गेम्स में से किसी एक को भी सलेक्ट कर आयोजन कर सकता है। आईओए के जनरल सेक्रेटरी राजीव मेहता ने कहा है कि नेशनल गेम्स का आयोजन कराना राज्य सरकार पर निर्भर करता है। इधर, सरकार का कहना है कि नेशनल गेम्स की तैयारी पूरी थी। लेकिन, कोरोना महामारी के कारण इस पर ब्रेक लग गया। स्पोर्ट्स डायरेक्टर जीडीएस रावत का कहना है कि इंफ्रास्ट्रक्चर लगातार तैयार किया जा रहा है। कुछ तैयार हो चुका है। जैसे ही सरकार की तरफ से मंजूरी मिलेगी आयोजन करा लिया जाएगा।

नेशनल गेम्स में ऐसा रहा उत्तराखंड का सफर
वर्ष 2015 में--2 गोल्ड, 5 सिल्वर व 12 ब्रॉन्ज
स्थान---19वां
वर्ष 2011 में--4 गोल्ड, 4 सिल्वर व 13 ब्रॉन्ज
स्थान---19वां
वर्ष 2007 में---4 गोल्ड, 4 सिल्वर व 13 ब्रॉन्ज

कुछ नेशनल गेम्स पर एक नजर
-नियमानुसार नेशनल गेम्स होस्ट करने वाले स्टेट को अपने परफॉर्मेंस के लिए टॉप-5 पोजिशन में शामिल होना जरूरी।
-1987 में केरला नेशनल गेम्स के साथ चैंपियनशिप भी रहा।
-1997 में हुए नेशनल गेम्स में मणिपुर चैंपियन रहा।
-2001 में पंजाब नेशनल गेम्स में चैंपियन रहा।

कैसे हों उत्तराखंड में नेशनल गेम्स
भले ही उत्तराखंड को नेशनल गेम्स की मेजबानी मिल गई हो, लेकिन, उत्तराखंड में लिस्टेड करीब 40 खेल एसोसिएशंस में स्टेट से लेकर डिस्टि्रक्ट तक कोई एक्टिविटीज नहीं हुई है। कई एसोसिएशंस नाम मात्र के हैं और डिस्टि्रक्ट बॉडी तक अस्तित्व में नहीं हैं। खेल पत्रकार राजू गुसांई बताते हैं कि राज्य गठन के 21 वर्ष बाद भी अब तक फुटबाल, हॉकी व स्विमिंग तक की चैंपियनशिप नहीं हो पाई। राजू गुसांई का कहना है कि केवल इंफ्रॉस्ट्रक्चर को बढ़ावा देना ही नेशनल गेम्स नहीं, बल्कि स्पोर्ट्स को भी बढ़ावा देना होगा। रायपुर स्थित आइस रिंक इसका एक जीता जागता उदाहरण है। वर्ष 2011 में सैफ विंटर गेम्स हुए, उसके बाद 65 करोड़ से अधिक का रिंक अब खंडहर में तब्दील हो गया है।

नेशनल गेम्स खेल सचिवालय पर ताला
स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट का कहना है कि दून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर, नैनीताल, अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेप किया जा रहा है। कोविडकाल से पहले तैयारियों में जुटी रही प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019 में रायपुर स्पोर्ट्स कॉलेज में खेल निदेशालय की बिल्डिंग को नेशनल गेम्स के लिए ट्रांसफर तक कर दिया था। कमेटी का गठन करने के साथ ही इंस्ट्रक्टर तक की नियुक्ति की थी। लेकिन, अब स्पोर्ट्स कॉलेज में तैयार किया गया नेशनल गेम्स के सचिवालय पर ताला जड़ा हुआ दिखाई दे रहा है।

37वें नेशनल गेम्स का भी भेजा था प्रस्ताव
उत्तराखंड ने भारतीय ओलंपिक संघ को 2021 में 37 वां नेशनल गेम्स कराने का प्रस्ताव भेजा था। तत्कालीन स्पोर्ट्स सेक्रेटरी ने कहा था कि छत्तीसगढ़ यदि 37 वां नेशनल गेम्स न करा सके तो उत्तराखंड इसे कराने को तैयार है।

682 करोड़ का बजट मांगा था
वर्ष 2019 में स्टेट गवर्नमेंट ने नेशनल गेम्स के लिए केंद्र से 682 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा था। जबकि, खुद राज्य सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 110 करोड़ के बजट का प्रावधान किए जाने का दावा किया था।

बन चुकी थी 18 कमेटियां
वर्ष 2020 में तो नेशनल गेम्स के लिए 18 कमेटियों का गठन कर दिया गया था। इनमें टेक्नीकल, मान्यता गेम विलेज, कम्युनिकेशन व टेक्नोलॉजी, अवस्थापना, सेरेमनी, सांस्कृतिक एवं मेडल, आवास, मीडिया, खाद्य, परिवहन, मेडिकल व एंटीडोपिंग, सुरक्षा, स्वयं सेवा, सोविनियर प्रकाशन मार्केटिंग एवं पब्लिसिटी, स्पॉन्सरशिप एंड राइट्स, ग्रीन प्रोटोकॉल कमेटियां शामिल की गई थीं।