- सीएम ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए मनीष को इंस्पेक्टर बनाने की दी सहमति

- 7 सितंबर तक हो सकता है आधिकारिक ऐलान

DEHRADUN: रियो ओलम्पिक में रेसवॉकिंग में क्फ्वां स्थान हासिल करने वाले उत्तराखंड पुलिस के जवान मनीष रावत जल्द ही उत्तराखंड पुलिस इंस्पेक्टर बनाए जा सकते हैं। सीएम हरीश रावत ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए मनीष को इंस्पेक्टर के रूप में नियुक्ति देने पर सहमति दे दी है। 7 सितंबर को इसका अधिकारिक ऐलान हो सकता है।

स्पो‌र्ट्स कोटे से हुए थे भर्ती

मनीष रावत रियो ओलंपिक से पहले भी नेशनल और इंटरनेशनल चैंपियनशिप्स में शानदार प्रदर्शन कर चुके थे। उनके प्रदर्शन के हिसाब से उन्हें काफी पहले दरोगा बना दिया जाना चाहिए था। ख्00म् से नेशनल स्पो‌र्ट्स स्कूल में रहे मनीष को ख्008 और ख्009 में भ् किमी लंबी लॉन्ग रेस में सिल्वर मेडल मिले थे। इस उपलब्धि के आधार पर ही मनीष ख्0क्क् में उत्तराखंड पुलिस में खेल कोटे से भर्ती हुए थे।

लगातार बेहतर प्रदर्शन

भर्ती होने के बाद हर प्रतयोगिता में मनीष ने पहले से अच्छा प्रदर्शन किया। ख्0क्फ् और ख्0क्ब् में नेशनल चैंपियनशिप में मनीष को सिल्वर मेडल मिला, तो नेशनल पुलिस चैंपियनशिप में इन दोनों सालों में गोल्ड जीता। इसके बाद मनीष ने व‌र्ल्ड पुलिस चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीता। भ् साल के अपने करियर में मनीष ने करीब एक दर्जन मेडल अपने नाम किए।

आउट ऑफ टर्म प्रमोशन पॉलिसी

ख्0क्क् से पहले पुलिस नेशनल में कोई भी मेडल जीतने पर खिलाड़ी को हवालदार बना दिया जाता था। उसके बाद यदि उसने फ् साल के भीतर क् गोल्ड या सिल्वर जीत लिया तो उसे दारोगा बना देते थे। ख्0क्क् में हाई कोर्ट ने इस व्यवस्था पर स्टे लगा दिया। विभाग के अधिकारियों ने न तो कानूनी लड़ाई लड़ी न ही मनीष जैसे अच्छे खिलाडि़यों को प्रमोशन देने के लिए कोई और रास्ता निकाला। ख्0क्क् तक लगभग फ्भ् खिलाड़ी हवालदार बन गए थे। मनीष के अलावा ब्00 मीटर के नेशनल रिकॉर्ड धारी पंकज डिमरी भी व‌र्ल्ड पुलिस गेम्स में गोल्ड मेडल लेकर आए थे, वो अभी भी हवलदार के पद पर अटके हैं, जबकि उस समय भी तत्कालीन सीएम ने उन्हें इंस्पेक्टर बनाने की घोषणा की थी। इनके अलावा जगत बेलाल, कमला बिष्ट, रविन्द्र रौतेला, अमित छेत्री आदि उत्तराखंड पुलिस के वे खिलाड़ी हैं, जो शानदार प्रदर्शन के बावजूद अभी तक हवलदार हैं।