केदारनाथ के प्रमोशन को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच छिड़ा घमासान।

- कैलाश खेर के प्रोग्राम पर पहले ही मच रहा था बवाल, अब नरकंकाल मिलने से सियासत हुई तेज

- बीजेपी ने की सीएम और डीएम तक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की पैरवी, पीसी में बरसे चौहान

DEHRADUN: केदारनाथ धाम के प्रमोशन के प्रयास में सूफी गायक कैलाश खेर के प्रोग्राम ने सियासी गदर के हालात पैदा कर दिए हैं। रही-सही कसर केदारनाथ क्षेत्र में नर कंकाल मिलने के बाद पूरी हो गई है। आपदा के बजट से कैलाश खेर को भुगतान पर विपक्ष ने आसमान सिर पर उठा लिया है। पार्टी खुले तौर पर कह रही है कि एक तरफ नर कंकाल मिलने का सिलसिला थमा नहीं है, वहीं दूरी तरफ, सरकार केदारनाथ में जश्न मना रही है। सीएम हरीश रावत ने इस पूरे मामले पर विपक्ष को जवाब देने की कोशिश की है, लेकिन मामला थमता नजर नहीं आ रहा है।

मुन्ना की पीसी में आरोपों की बरसात

बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आपदा और पुनर्वास के काम कायदे से नहीं हुए हैं और सरकार केदारनाथ में आपदा के पैसे से जश्न मना रही है। यह निंदनीय है। उन्होंने सीएम और डीएम दोनों के खिलाफ गबन का मुकदमा चलाए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ क्षेत्र में ठोस काम करने की बजाए सरकार पंप एंड शो कर रही है।

सीएम ने बहुगुणा को लपेटा

सीएम हरीश रावत ने कैलाश खेर के प्रोग्राम से उठे विवाद पर पूर्व सीएम विजय बहुगुणा को लपेटने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि इस प्रोग्राम के संबंध में सब कुछ पूर्ववर्ती सरकार ने तय कर दिया था। उन्होंने सिर्फ मामले को आगे बढ़ाया है। दरअसल, दो दिन पहले, पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने सीएम को निशाने पर लिया था। उन्होंने कहा था कि गले में ढोल लटकाकर संस्कृति का विकास नहीं होगा। इन स्थितियों के बीच, सीएम आज यह कहने से भी नहीं चूके कि यह सरकार को देखना है कि किस धन का उपयोग कैसे और कहां किया जाए।

चुनाव नजदीक, आपदा पर सियासत

विधानसभा चुनाव नजदीक देख सियासी दलों ने आपदा पुनर्वास के मुद्दे पर माहौल गरमाना शुरू कर दिया है। सरकार की कोशिश आपदा और पुनर्वास के क्षेत्र में चमकदार तस्वीर दिखाने की है, वहीं आपदा घोटाले समेत तमाम बातों को उठाकर विपक्ष सरकार की घेराबंदी को अब तेज करने जा रहा है। कैलाश खेर के प्रोग्राम को लेकर सरकार को घेरने के लिए बीजेपी ने बजट की बंदरबांट से लेकर पौराणिक नियमों के उल्लघंन तक का राग अलापना शुरू कर दिया है।