- सिटी के सबसे बड़े अस्पताल में हावी हैं अव्यवस्थाएं

- साफ-सफाई से लेकर कर्मचारियों के व्यवहार को लेकर आ रही शिकायतें

DEHRADUN: शहर के सबसे बड़े दून अस्पताल में प्रदेश सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद अव्यवस्थाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अस्पताल परिसर में साफ-सफाई के नाम पर कोई खास काम नहीं किया गया है। ओ.पी.डी से लेकर मरीजों के वार्डो तक हर जगह गदंगी पसरी है। मरीजों के लिए बनाए गए टॉयलेट्स में साफ-सफाई की स्थिति भी बदहाल है। अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों ने बताया कि बेड की कमी के चलते मरीजों को जमीन पर भी लेटना पड़ रहा है। अस्पताल के कर्मचारियों पर मरीजों के साथ किए जाने वाले व्हवहार को लेकर भी आरोप लगे हैं। तीमारदारों के लिए भी व्यवस्थाओं में कमी की शिकायतें आ रही हैं।

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डेंगू का टेस्ट करवाने के लिए मैं दून अस्पताल आई, कर्मचारियों की लापरवाही के कारण मुझे बीमारी का पता नहीं चल पाया। जब प्राइवेट क्लीनिक गई तो टेस्ट पॉजिटिव निकला।

-गीता सैनी, दीपनगर।

यह इतना बड़ा अस्पताल है, लेकिन यहां तीमारदारों के लिए तो दूर मरीजों तक के लिए बेड उपलब्ध नहीं हो पा रहे। सरकार को चाहिए कि दून अस्पताल की अव्यवस्थाएं जल्द से जल्द दूर की जाएं।

-लक्ष्मी नेगी, बालावाला

- मैं पेशेंट को लेकर इमरजेंसी में पहुंचा तो किसी ने पेशेंट को अटैंड नहीं किया। मैंने जब बताया कि मामला इमरजेंसी का है, पेशेंट को ट्रीटमेंट चाहिए तो कर्मचारियों ने मेरे साथ बदसलूकी की।

-हरून, मेहूवाला

- मैं अपनी बीमारी के सिलसिले में कई बार दून अस्पताल आया, लेकिन डॉक्टर्स ने मुझे हर बार लौटा दिया। प्राइवेट क्लीनिक्स की फीस चुकाना मेरे लिए मुश्किल है, ऐसे में आम आदमी जाए तो कहां जाए।

-मोहम्मद इरफान, राजपुर रोड़

- मैं बड़ी आशा से दून अस्पताल इलाज कराने आई थी, लेकिन यहां के कर्मचारी सही जानकारी नहीं देते, मरीज राहत के लिए अस्पताल आता है, लेकिन कर्मचारियों का चिड़चिड़ा व्यवहार देखकर भी बड़ी हैरानी होती है।

-पितांबरी देवी, प्रेमनगर

- मरीजों के लिए बनाए गए टॉयलेट्स की साफ-सफाई नहीं होती। टॉयलेट्स में घुसते ही बदबू से दम घुटने लगता है। कम से कम टॉयलेट्स की साफ-सफाई तो करवानी ही चाहिए।

-मोहम्मद आलीम, पटेलनगर