आई स्पेशल

-यूरोप के बाद पहली बार विश्व के किसी राज्य में लगेगा प्लांट

-ओमान की प्राइवेट कंपनी रुड़की में लगाएगी प्लांट

-सिडकुल की कवायद से लगाया जाएगा 1800 करोड़ का प्रोजेक्ट

देहरादून

यूरोप के बाद उत्तराखंड विश्व का पहला राज्य होगा जहां जर्मन टेक्नोलॉजी से कूड़ा ठिकाने लगाया जाएगा और इस कूड़े से बिजली बनाई जाएगी। सब कुछ ठीक रहा तो सालभर के भीतर जर्मन टेक्नोलॉजी का ये प्लांट रुड़की में लगा दिया जाएगा। इस प्लांट को ओमान की एक प्राइवेट कंपनी लगाएगी और इससे पैदा होने वाली बिजली को उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन यानि यूपीसीएल खरीदेगा। राज्य को इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र से हरी झंडी मिल चुकी है। इस प्रोजेक्ट को लगाने की सारी कवायद स्टेट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड (सिडकुल) ने की है।

खास होगा ये प्लांट

जर्मन टेक्नोलॉजी के इस प्लांट में सॉलिड वेस्ट से बिजली बनाई जाएगी। ये प्लांट एक दिन में 500 मीट्रिक टन कूड़े को प्रोसेस कर सकता है। इस प्लांट में रेडियोएक्टिव और न्यूक्लियर वेस्ट के अलावा हर तरह का वेस्ट मैटीरियल प्रोसेस किया जा सकता है। कूड़ा इस प्लांट में 1300 डिग्री सेल्सियस के टेंप्रेचर पर कूड़े को प्रोसेस किया जाएगा। खास बात ये है कि इस प्लांट से किसी तरह का भी प्रदूषण नहीं फैलेगा। दावा किया गया है कि जर्मन टेक्नोलॉजी के इस प्लांट से न तो वायु प्रदूषण होगा और न ही कोई ऐसा लिक्विड निकलेगा जिससे पर्यावरण को खतरा हो। रोज 500 मीट्रिक टन वेस्ट मैटीरियल को प्रोसेस करने पर प्लांट से सिर्फ 25 टन वेस्ट ही बाहर निकलेगा। खास बात ये है कि इस वेस्ट को रोड और दूसरी कंस्ट्रक्शन साइट्स में इस्तेमाल किया जा सकेगा।

राज्य का नहीं लगेगा कोई पैसा

800 करोड़ की लागत वाले इस प्लांट को ओमान की न्यू सेंटर एनर्जी नाम की प्राइवेट कंपनी लगाएगी और वो ही इसे चलाएगी। इस प्रोजेक्ट में राज्य सरकार का कोई पैसा खर्च नहीं होगा। स्टेट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड (सिडकुल) इस प्लांट को लगाने के लिए 10 एकड़ जमीन देगा। इस प्रोजेक्ट के लिए सिडकुल ने ही सारी कवायद की है।

बॉक्स

यूपीसीएल खरीदेगा बिजली

इस प्लांट से पैदा होने वाली बिजली को उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन खरीदेगा। इससे राज्य का बिजली संकट भी दूर होगा और साथ ही राज्य के बड़े शहरों का सॉलिड वेस्ट भी ठिकाने लगेगा। इस प्लांट में बिजली बनाने के लिए राज्य के सात बड़े शहरों का सॉलिड वेस्ट इकट्ठा करके लाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की खास बात ये भी है कि इसकी मदद से स्वच्छ भारत मिशन में भी काफी मदद मिलेगी।

वर्जन

हम दो साल से इस प्रोजेक्ट की कवायद में जुटे हैं। अब केंद्र सरकार ने इस पर आगे बढ़ने के लिए कह दिया है। केंद्र के स्वच्छ भारत मिशन के तहत हमें इसकी मंजूरी मिली है। यूरोप के बाद ये टेक्नोलॉजी पहली बार देश में लाई जा रही है। हमने इसके लिए 10 एकड़ जमीन चिह्नित कर ली है। प्रोजेक्ट का पूरा खर्चा प्राइवेट डेवलपर ही उठाएगा। इस प्लांट से राज्य को रोज 25 मेगावाट बिजली मिलेगी।

आर। राजेश कुमार, एमडी, सिडकुल