महामहिम की राह में तीसरी बार खलल डाल सकता है मौसम

-आज राष्ट्रपति का है केदारनाथ दौरा, बादलों से घिरी है केदार घाटी

-पहले भी दो बार खराब मौसम के चलते राष्ट्रपति नहीं कर पाए केदार दर्शन

-राज्य मौसम केंद्र के अनुसार पर्वतीय क्षेत्रों में सुबह कम हो सकती है दृश्यता

-मंगलवार को केदारनाथ में बारिश के कारण नहीं हो पाई पुलिस की रिहर्सल

देहरादून : कहीं ऐसा न हो जाए कि इस बार भी महामहिम राष्ट्रपति के केदारनाथ दौरे में मौसम खलल डाल दे। दरअसल केदार घाटी में लगातार बारिश हो रही है और मौसम खराब है। पूरी घाटी में बादल छा रखे हैं। हालांकि मौसम विभाग का अनुमान है कि बुधवार दोपहर बाद मौसम साफ हो सकता है। आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को केदारनाथ में पूजा अर्चना करने जाना है।

दो बार रद हो चुका है दौरा

आपको बता दें कि इससे पहले दो बार राष्ट्रपति का केदारनाथ दौरा खराब मौसम के चलते रद करना पड़ा था। पहले 24 अपै्रल 2015 को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के दिन महामहिम को वहां पहुंचना था, लेकिन बर्फबारी के कारण दौरा रद करना पड़ा। इसके बाद 22 जून 2016 को फिर केदारनाथ यात्रा का कार्यक्रम बना। तब उनका हेलीकॉप्टर सोनप्रयाग तक ही पहुंचा और खराब मौसम के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा था। इस बार फिर आंखें आसमान पर टिकी हैं। सोमवार तक मौसम को लेकर आश्वस्त राज्य मौसम केंद्र ने मंगलवार के लिए केदार घाटी समेत पर्वतीय क्षेत्रों में विजिबलिटी कम होने की आशंका जताई है।

यह है राष्ट्रपति का आज का कार्यक्रम

-7.00 बजे सुबह आशियाना से जीटीसी हैलीपैड

-8.25 बजे सुबह एमआई-17 से केदारनाथ रवाना

-8.45 से 9.45 बजे सुबह तक केदारनाथ में पूजा

-9.50 बजे सुबह देहरादून के लिए रवाना

-11.00 बजे सुबह देहरादून आगमन

प्रदेश में कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। ये क्रम अभी एक-दो दिन तक चलेगा। राजधानी देहरादून और केदारनाथ में भी बारिश की संभावना है। केदारघाटी में सुबह विजिबिलिटी कम हो सकती है। हालांकि दोपहर बाद मौसम कुछ साफ होने की संभावना भी है।

विक्रम सिंह, निदेशक, राज्य मौसम केंद्र

'आशियाना' फिर हुआ आबाद

41 साल पहले बनाया गया राष्ट्रपति का दून स्थित आशियाना अपने आप में खास है। दरअसल इसे तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन ने ग्रीष्मकालीन दौरे के लिए शिमला के विकल्प के रूप में चुना था। मंगलवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आशियाना में पुनर्निर्मित आशियाना भवन का शिलान्यास किया। भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजीमेंट है पे्रसीडेंट बॉडीगार्ड। राष्ट्रपति के अंगरक्षकों की घोड़ा गाड़ी के लिए दून में पहली बार 1938 में ग्रीष्मकालीन शिविर स्थापित किया गया था। ये इलाका 175 एकड़ में फैला है। 1975-76 में तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अहमद ने ग्रीष्मकालीन दौरे के लिए दून का चुनाव किया तब कमांडेंट बंगले का जीर्णाेद्धार किया गया और नाम रखा आशियाना। तब से दून आने वाले राष्ट्रपति इसी आवास में ठहरते थे। 1998 में तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायणन इस बंगले में ठहरने वाले आखिरी राष्ट्रपति थे।

गंगा घाट पहुंचे अभिजीत

मंगलवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने हर की पैड़ी पर गंगा आरती में हिस्सा लिया।