देहरादून (ब्यूरो): बताया जा रहा है कि रेलवे ट्रेक के ऊपर गार्डर बिछाने को लेकर पिछले कई माह से अप्रूवल नहीं मिल पा रहा है, जिससे आरओबी का काम रुक गया है। आरओबी का काम बरसात से पहले से रुका हुआ है। ऐसे में पिलरों पर लगी सरिया जंग खा रही है। हालांकि निर्माण कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि आरओबी का काम चल रहा है। मार्च तक प्रोजेक्ट को पूरा होना था, लेकिन जिस कछुवा चाल से काम चल रहा है उससे कहीं भी नहीं लगता कि आरओबी का काम समय पर पूरा होगा।

मार्च 2021 में हुआ टेंडर
आरओबी का टेंडर मार्च 2021 में हुआ था। यह काम ईपीआई इंडिया लिमिटेड को सौंपा गया। काम पूरा कर मार्च 2024 तक आरओबी पर ट्रैफिक चलाने का टारगेट है, लेकिन अभी तक 50 परसेंट काम भी पूरा नहीं हुआ है। आरओबी के दोनों ओर करीब 11 पिलर बनाए जाने हैं। जिसमें से सभी पिलर खड़े हो चुके हैं। दोस्पैन पर स्लैब डल चुका है। जबकि तीसरे पर स्लैब डालने का काम चल रहा है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बताया कि अगले मार्च तक सभी स्लैब डालने का पूरा हो जाएगा। तय समय सीमा से पहले आरोबी को बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

ट्रैफिक फ्री होगी सहारनपुर रोड
- भंडारी बाग आरओबी बनने के बाद शहर के सबसे व्यस्तम पटेलनगर-घंटाघर रोड पर यातायात दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा।
- इस रूट का आधा से ज्यादा ट्रैफिक वाया कारगी होते हुए रेसकोर्स मार्ग पर शिफ्ट हो जाएगा।
- धर्मपुर से कारगी का फेर भी कम हो जाएगा।
- ट्रैफिक दबाव कम होने से आढ़त बाजार की संकरी सड़क पर जाम कम लगेगा।
- आढ़त बाजार, सहारनपुर चौक, इनामुल्ला बिल्डंग, तहसील चौक और दर्शन लाल चौक तक की भी यातायात व्यवस्था सुधर जाएगी।

578 मीटर लंबा है आरओबी
निर्माण कार्य तेज गति चल रहा है। रेसकार्स की ओर 7 पिलर और रेलवे लाइन के दूसरी साइड भंडारी बाग की ओर 4 पिलर खड़े किए जाने हैं। ये सभी पिलर खड़े कर दिए गए हैं। पूरे आरओबी की लंबाई 578 मीटर है, जबकि चौड़ाई 8.4 मीटर है। करीब 50 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। पिलर के ऊपर स्लैब का काम पटरी के ऊपर रूक गया है। मार्च आखिरी तक यह स्लैब डालने का काम कंपलीट होने का दावा किया जा रहा है।

कूड़ेदान भी बना बाधक
निर्माण कंपनी ईपीआईएल के अधिकारियों ने बताया कि आरओबी का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है, लेकिन रेसकार्स की ओर सड़क पर नगर निगम का कूड़ादान भी कई दिनों तक बाधक बना है। कूड़ेदान को हटाने के लिए कई बार नगर निगम को कहा गया, लेकिन महीनों तक कूड़ेदान को नहीं हटाया गया। यहां से जल्द हटाकर कूड़ेदान को दूसरी जगह शिफ्ट किए जाने के लिए कहा गया। लंबे समय तक कूड़ादान न हटाने से भी काम प्रभावित हुआ है।

8 माह लेट शुरू हुआ काम
पहले ही प्रोजेक्ट का काम काफी पीछे चल रहा है। ऊपर से रेलवे विभाग की अप्रूवल न मिलने से काम के और पीछे खिसकने के आसार हैं। साइट इंजीनियरों का कहना है कि आरओबी का काम यूटीलिटी शिफ्टिंग की वजह से करीब 8 माह बाद शुरू हुआ। आरओबी के लिए सड़क किनारे पेड़ों का कटान के साथ ही सिंचाई विभाग की दो-दो नहर, सीवर लाइन, बिजली और पानी की लाइन शिफ्टिंग में काफी समय लग गया था। जिस वजह से निर्माण कंपनी को धरातल पर काम करने के लिए देरी से जमीन उपलब्ध हो सकी। इस पूरे काम की शिफ्ंिटग में आठ माह लग गया था। अब स्लैब के लिए महीनों से रेलवे विभाग की अपू्रवल का इंतजार किया जा रहा है। बावजूद इसके प्रोजेक्ट को तय समय पर पूर पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। बताया कि आरओबी का टेंडर मार्च 2021 में टेंडर होने के बाद जून और कुछ जमीन अक्तूबर 2022 में उपलब्ध कराई गई। ऐसे में निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करना चुनौतीपूर्ण है।

प्रोजेक्ट पर एक नजर
43.15
करोड़ है प्रोजेक्ट की लागत
578
मीटर है आरओबी की लंबाई
8.4
मीटर है चौड़ाई
4.53 करोड़
है यूटिलिटी शिफ्टिंग की लागत
2021
में मार्च माह में हुआ कार्य का टेंडर
2024
मार्च तक कंप्लीट होना है प्रोजेक्ट
50
परसेंट काम अभी बाकी
07
पिलर आरओबी के रेसकोर्स की तरफ
04
पिलर भंडारी बाग की तरफ

आरओबी का काम चल रहा है। रेल पटरी के ऊपर स्लैब को लेकर अभी रेलवे विभाग से अपू्रवल नहीं मिली है। इसके लिए शासन स्तर से कार्रवाई चल रही है। उम्मीद है कि जल्द ही रेलवे से कार्य की अनुमति मिल जाएगी।
मुकेश कुमार, रीजनल डायरेक्टर, ईपीआईएल