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- नौ लाख्र किए गए सती कुंड के सौंदर्यीकरण पर खर्च

- सिर्फ झाडि़यां कटीं और सीढि़यों की हुई मरम्मत

HARIDWAR: हरिद्वार के पौराणिक सती कुंड के जीर्णोद्धार पर सरकार ने नौ लाख की मोटी रकम खर्च की लेकिन सती कुंड में कोई खास बदलाव नहीं आया। इतनी रकम से केवल कुंड के आसपास उग आई झाडि़यों की सफाई और सीढि़यों का ही निर्माण हो पाया। अब सती कुंड पर खर्च की गई इस रकम को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

खर्चे को लेकर उठ रहे सवाल

पर्यटन विभाग ने जारी वित्तीय वर्ष में जिला योजना से सती कुंड के सौंदर्यीकरण के लिए नौ लाख रुपए मांगे थे। कनखल-लक्सर मार्ग पर जगजीतपुर में स्थित वर्षों से उपेक्षित पड़े सती कुंड के लिए प्रस्ताव आया तो प्रशासन ने भी तत्काल इसे स्वीकृत करते हुए बजट आवंटित कर दिया। ताकि पौराणिक महत्व के इस स्थल की रौनक लौटाई जा सके। क्योंकि हाल के वर्षों में यहां उपेक्षा के चलते यहां बड़ी-बड़ी झाडि़यां उग आई थीं और सीढि़यां टूट गई थी, जिसकी वजह से यह स्थान अपनी मूल पहचान भी खोने लगा था। लिहाजा सती कुंड के लिए बजट आसानी से अवमुक्त कर दिया गया, लेकिन यहां हुए निर्माण कार्य खानापूर्ति से ज्यादा कुछ नजर नहीं आते। हां, इतना जरूर हुआ कि सती कुंड के आसपास से झाडि़यां साफ कर दी गईं और क्षतिग्रस्त टूटी हुई सीढि़यों की मरम्मत हो गई। इस स्थल के सौंदर्यीकरण को लेकर कोई खास रचनात्मकता नहीं नजर आई जो पर्यटकों को आकृषित करने के लिए ज्यादा जरूरी थी। कार्यदायी संस्था जिला पंचायत का कहना है कि सारे निर्माण कार्य मानक के अनुसार कराए गए हैं।

सती कुंड के लिए जिला पंचायत द्वारा आवंटित बजट और कार्य की डीपीआर मंगाकर उसे देखा जाएगा। यदि काम डीपीआर से इतर हुए हैं तो उसके अनुसार मामले की जांच की जाएगी।

हरबंश सिंह चुघ, डीएम, हरिद्वार

सती कुंड के सौंदर्यीकरण का कार्य मानक के अनुसार और प्रस्तावित डीपीआर के तहत कराया गया है। संती कुंड की स्थिति पहले से बेहतर हो गई है। निर्माण कार्य जिला पंचायत ने कराया है।

जसपाल सिंह, जिला पर्यटन अधिकारी, हरिद्वार