सेफ्टी का मीटर डाउन - बेविनार
- पैरेंट्स को चाहिए वे बच्चों की सुरक्षा के लिए सेफ वाहन से भेजें स्कूल
- पुलिस को लेना होगा कड़ा एक्शन, स्कूल प्रबंधन भी दिखाए अवेयरनेस

देहरादून, 29 मई (ब्यूरो)। दून में बच्चों के स्कूल जाने की स्थिति को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से अभियान चलाया गया, जिसमें बच्चों के स्कूल आने-जाने के दौरान सुरक्षा को लेकर स्कूल व वाहन चालकों की लापरवाही सामने आई। इसी कड़ी में सोमवार को वेबिनार कर समाजसेवियों समेत आरटीओ के अधिकारियों से इस विषय पर चर्चा की गई। समाजसेवियों ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर सबसे पहले शिक्षा विभाग को सख्ती करने के निर्देश दिए। कहा कि शिक्षा विभाग चाहे तो स्कूलों की मान्यता के दौरान इन सभी चीजों का निर्धारण का नियम बना सकता है।

वेबिनार में यें बातें आई सामने
- बच्चों को सामान रखने वाली सीट पर बिठाकर ले जाया जाता है।
- नाबालिग बच्चे टू-व्हीलर चलाकर स्कूल जाते हैं।
- ट्रैफिक पुलिस स्कूल व्हीकल्स की नहीं करती पड़ताल।
- सबसे ज्यादा छोटे-छोटे बच्चों की सुरक्षा का रहता है खतरा।
- कई बार पैरेंट्स ही टू-व्हीलर में बिना हेलमेट के बच्चों को लेने पहुंचते हैं।
- एक बाइक या स्कूटी में 3-4 बच्चे बैठकर जाते हैं।
- ई-रिक्शा में क्षमता से अधिक बच्चों को बिठाया जाता है।

टू व्हीलर से कई बार बड़े हादसे
एक समाज सेवी ने बताया कि पैरेंट््स अपनी जिम्मेदारियों से बचते हुए अक्सर अपने नाबालिग बच्चे के हाथ में टूव्हीलर दे देते हैं। बीते कुछ दिन पूर्व एक 12 साल का बच्चा टू व्हीलर से स्कूल जा रहा था। इस दौरान एक बुजुर्ग को टक्कर मार दी, उसकी मौत हो गई। लेकिन, परिवार व बच्चे के भविष्य को देखते हुए दोनों परिवार की आपसी सुलह के बाद बच्चे को पुलिस से बचा लिया गया। ये एक हादसा नहीं था। ऐसे ही नाबालिग के हाथ में टू व्हीलर देकर पैरेंट्स कई बार अपने बच्चे के साथ दूसरे की जान के दुश्मन बन जाते हैं।

पैरेंट्स और स्कूल हों अवेयर
सबसे पहले पैरेंट्स व स्कूल प्रबंधकों को अवेयर होना होगा। उन्हें अपने बच्चे को वाहन मेंं भेजने से पूर्व उसकी जांच करनी चाहिए, जिससे उनका बच्चा सुरक्षित स्कूल पहुंचे।
:- राजकुमार तिवारी, समाजसेवी

सहस्रधारा रोड से लेकर रायपुर रोड पर अक्सर देखा गया है कि नाबालिग बच्चे बाइक चलाते हैैं। इसके बाद वे स्कूल में एंट्री न होने के कारण गलियोंं में व्हीकल पार्क कर देते हैैं, इससे जाम लगता है।
रीता गोयल, समाजसेवी

कई बार पुलिस के सामने नाबालिग बाइक राइडिंग करते हैं। यहीं नहीं ऑटो, ई रिक्शा में बच्चों को ठूस-ठूस कर ले जाता है। लेकिन, पुलिस इनके खिलाफ लापरवाह रहती है।
साधना शर्मा, समाजसेवी

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट का इस महत्वपूर्ण विषय को उठाने के लिए धन्यवाद। बच्चों की सेफ्टी को लेकर सभी को अवेयर होना होगा। जिससे बच्चा सुरक्षित घर से स्कूल व स्कूल से घर वापस लौट सके।
- मोहित ग्रोवर, समाजसेवी

स्कूलों को बार-बार पत्र भेजा जा रहा है। इसके साथ ही मानकों का पालन करने के लिए निर्देशित किया जा रहा है। अब हर स्कूल में जाकर आरटीओ की टीम चेकिंग करेगी व व्यवस्था जांचेगी। मानक पूरे न मिलने पर चालानी कार्रवाही की जाएगी।
शैलेश तिवारी, आरटीओ एन्फोर्समेंट

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