फिल्म विकास परिषद के उपाध्यक्ष हेमंत पांडे अपनी नई भूमिका से खासे उत्साहित

- पांडे को फिल्म विकास परिषद के जरिए क्षेत्रवाद के कमजोर पड़ने की उम्मीद

-सियासी दलों के संपर्क में होने का दावा, लेकिन राजनीतिक भूमिका से फिलहाल परहेज

DEHRADUN: अपने पांडे जी खासे उत्साहित हैं। उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के उपाध्यक्ष की भूमिका में रचने-बसने में जुट गए हैं। फिलहाल किसी भी तरह की सियासत से दूरमन में सिर्फ एक संकल्प किसी तरह उत्तराखंड में फिल्मों के विकास लायक माहौल बन सके। वैसे, मन के किसी कोने में सियासी हसरतें अब भी कुलांचें मार रही हैं। मगर इस वक्त सिर्फ और सिर्फ फिल्म विकास की बात जुबान पर है। सियासत होगी, लेकिन बाद में।

मिलने-मिलाने का सिलसिला हुआ तेज

फिल्म विकास परिषद के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी से तिग्मांशु धूलिया के हाथ खींच लेने के बाद नजरें अब हेमंत पांडे पर टिकी हैं। पांडे जी भी मौके की नजाकत तो समझ रहे हैं। नई भूमिका में खुद को साबित करने की उनकी कोशिश है। लोगों से मिलने-मिलाने का सिलसिला तेज हो गया है। फिल्म विकास परिषद की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करने के बाद हेमंत पांडे ने अपना लाइन ऑफ एक्शन काफी हद तक तैयार कर लिया है। पांडे बुधवार को आईनेक्स्ट के ऑफिस में थे। कई बातें आईनेक्स्ट के साथ उन्होंने साझा की।

न रहेगा क्षेत्रवाद, न पदों की लालसा

चुनावी साल में उत्तराखंड के माहौल में जाने-अनजाने घुलते क्षेत्रवाद के जहर से पांडे अनजान नहीं है। इन स्थितियों के बीच, उन्हें लगता है कि फिल्म विकास परिषद का मौजूदा ढांचा इस तरह का बन गया है, जिसके बाद क्षेत्रवाद किसी को याद नहीं रह जाएगा। बकौल-पांडे, दूसरी बैठक के बाद उन्हें पदों की लालसा भी किसी में नहीं दिखाई दी। सिर्फ फिल्म विकास के लिए सभी काम करना चाहते हैं।

क्0ख् फिल्में बनाने पर फोकस

परिषद उपाध्यक्ष हेमंत पांडे का फोकस क्0ख् छोटी-बड़ी फिल्मों के निर्माण का है। परिषद के लिए एकदम अलग से बजट की व्यवस्था करने के पक्ष में भी पांडे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने सरकार को सारी स्थितियां बता दी है। वह सीएम हरीश रावत की तारीफ करने से नहीं चूकते। कहते हैं-सीएम साहब, फिल्म विकास के लिए ईमानदारी से काम करना चाहते हैं।

दोनों के ऑफर, फिलहाल सियासत नहीं

लोकसभा चुनाव के दौरान हेमंत पांडे उत्तराखंड में सक्रिय हुए, तो उनकी नजदीकियां बीजेपी के साथ दिखाई दीं। मगर अब विधानसभा चुनाव के लिए तैयार होते माहौल के बीच कांग्रेस सरकार ने उन्हें दायित्व दिया है। पांडे काम भले ही फिल्म विकास के लिए कर रहे हों, लेकिन उनकी सक्रियता के सियासी मायने भी तलाशे जा रहे हैं। पांडे इससे जुडे़ सवाल पर बेबाकी से कहते हैं-दोनों के ऑफर हैं, पर फिलहाल सियासत करने का इरादा नहीं है। वह सफाई देते हैं-मेरे तो सभी से संपर्क हैं। अरविंद केजरीवाल ने तो अपने समर्थकों के साथ मेरी फिल्म वाह ताज देखी है। सियासी भूमिका के बारे में सोचा जाएगा, लेकिन बाद में। फिलहाल जो जिम्मेदारी मिली है, उसे प्रभावी ढंग से निभाना चाहता हूं।