- राष्ट्रपति दौरे के कारण दूसरे दिन नहीं हो पाई बैठक

- सरकार पर टालमटोल का लगाया आरोप

DEHRADUN: त्रिस्तरीय कैडर व्यवस्था लागू करने, उच्चीकृत स्कूलों के लिए संसाधन विकसित करने समेत ख्क् सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ और शासन के बीच सोमवार को हुई बैठक बेनतीजा रही और मंगलवार को राष्ट्रपति के शहर में होने के कारण शिक्षकों की बैठक नहीं हो पाई। शिक्षकों का आरोप है कि सरकार और शासन मामले को टालने का रवैया अपना रहे हैं। इसलिए शिक्षक अब जेल भरो आंदोलन शुरू करेंगे। इसका विस्तृत कार्यक्रम बुधवार को जारी किया जाएगा।

जेल भरो आंदोलन करेंगे शिक्षक

प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष सिंह चौहान ने जानकारी दी कि बुधवार को प्रदेशभर के शिक्षक दून में एकत्र होंगे। बैठक के बाद संघ आगे के आंदोलन की रणनीति घोषित करेगा। उन्होंने कहा कि अब सीएम आवास और सचिवालय कूच के बजाए सीधे जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ख्म् व ख्7 सितंबर को माध्यमिक शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ और शासन के साथ वार्ता प्रस्तावित थी। ख्म् को हुई बैठक में त्रिस्तरीय कैडर और उच्चीकृत स्कूलों के पृथक संचालन पर कोई सहमति नहीं बन पाई। ख्7 को मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और अधिकारियों के साथ बैठक होनी थी, जो नहीं हो पाई। अब शिक्षक बुधवार को बैठक कर जेल भरो आंदोलन की रणनीति तय करेंगे। बैठक के बाद जेल भरो आंदोलन का विस्तृत कार्यक्रम जारी किया जाएगा।

प्रमुख मांगें

- त्रिस्तरीय व्यवस्था पर विभाग से उपलब्ध कराए गए कार्यवृत्त पर संघ के सुझावों को शामिल करते हुए तत्काल विद्यालयी शिक्षा में त्रिस्तरीय व्यवस्था पीआरटी, टीजीटी व पीजीटी को लागू हो।

- सर्वशिक्षा के विद्यालयों समेत समस्त जूनियर हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापक के साथ विषयवार पांच अध्यापक व परिचारक की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

- एक जनवरी ख्00म् के बाद पदोन्नत अध्यापकों को एक जनवरी ख्00म् से पूर्व के शिक्षकों की भांति क्7क्ब्0 रुपये वेतनमान का लाभ प्रदान किया जाए।

- प्रारंभिक शिक्षा नियमावली-ख्0क्ख् को संशोधित करते हुए अथवा एक बार के लिए नियमावली में शिथिलता देते हुए जूनियर हाई स्कूलों के प्रधानाध्यापक पद पर ख्8 जून ख्00फ् के अनुसार पदोन्नति की जाए।

- कार्मिक सेवा नियमावली के अनुसार संपूर्ण सेवाकाल में शिक्षकों को तीन पदोन्नति के अवसर प्रदान किए जाएं। साथ ही जूनियर हाई स्कूल प्रधानाध्यापकों को उप शिक्षाधिकारी पद पर पदोन्नति की राह खोली जाए।

- स्थानांतरण नीति के स्थान पर स्थानांतरण एक्ट बनाया जाए। और इस कार्य में संगठन के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए।