- इस सेशन में कब तक मिलेंगी किताबें, नहीं जानकारी
- टेंडर प्रक्रिया तकरीबन पूरी, किताबों का पता नहीं
- स्टूडेंट्स को करना पड़ सकता है किताबों का इंतजार
DEHRADUN: उत्तराखंड बोर्ड के स्कूलों में इस बार किताबें कब तक उपलब्ध हो पाएंगी, इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है। सूत्रों की मानें तो विधानसभा सत्र के कारण विभाग कार्यो में उलझा हुआ है। हालांकि टेंडर प्रक्रिया पहले ही पूरी की जा चुकी हैं, लेकिन किताबों का प्रिंटिंग कार्य कहां तक पहुंचा पाया इसे लेकर विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में इस बार भी छात्रों को सेशन शुरू होने के बाद किताबों को लेकर लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
किताबों में थी तमाम कमियां
पिछले काफी वक्त से सरकारी स्कूल्स की किताबों में काफी गलतियां देखने में आ रही थी। किताबों की क्वॉलिटी की बात करें तो चित्र और छपाई ऐसी कि बच्चे तो क्या बड़े भी पढ़ न पाएं। इसके अलावा चैप्टर्स का ठीक से सिन्क्रोनाइजेशन न होना और पन्नों की गलत सेटिंग भी परेशानी का सबब बनती थी। पेज क्वॉलिटी ठीक न होने से किताब की छपाई भी खराब हो जाती थी। बच्चों और टीचर्स के पढ़ने और पढ़ाने में आ रही परेशानी को देखते हुए विभाग ने गंभीरता से लेते हुए क्वॉलिटी वर्क पर जोर दिया है। इसे लेकर एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किताबों में ऐसी गलतियों की संभावना न रहे।
किताबों के समय से उपलब्ध होने पर संशय
विभाग ने इस सेशन के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। लेकिन इसके बाद की प्रक्रिया को लेकर अभी किसी के पास कोई जानकारी नहीं है। इसका बड़ा कारण विधानसभा सत्र भी माना जा रहा है। दरअसल सत्र के चलते विभागीय अधिकारी भी उलझे हुए हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि क्9 मार्च को सत्र संपन्न होने के बाद जल्द से जल्द किताबों के मामले में सभी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएंगी। अधिकारियों ने दावा कि अप्रैल के पहले हफ्ते में ही किताबें उपलब्ध करा दी जाएंगी। लेकिन अभी तक किताबों की प्रिंटिंग और इसके बाद प्रूफ रीडिंग आदि कार्य की जानकारी तक विभाग के पास नहीं है, ऐसे में मौजूदा स्थिति को देखते हुए विभाग के दावे हवा हवाई दिखाई दे रहे हैं।
छात्रों को करना पड़ेगा इंतजार
किताबों के अप्रैल में आने का दावा किया जा रहा है। अगर किताबें अप्रैल में आ भी जाती हैं तो इनको स्कूलों तक पहुंचाने और छात्रों को मिलने में भी समय लगेगा। ऐसे में इस बात की उम्मीद कम ही है कि छात्रों को अप्रैल में किताबें मिल पाएं। बीते साल के अनुभव भी देखें तो विभाग के तमाम दावे अप्रैल माह में हवा नजर आते हैं। ऐसे में ग्रीष्मकालीन अवकाश तक बच्चे बिना किताबों के ही भविष्य सवांरेंगे।
वर्जन---
टेंडर प्रोसेस पूरा हो चुका है। अप्रैल में किताबें विभाग को प्राप्त हो जाएंगी और जल्द से जल्द इन्हें स्कूलों को भेजा जाएगा ताकि स्टूडेंट्स को समर वेकेशन से पहले बुक्स मिल सकें।
----- आरके कुंवर, डायरेक्टर, सेकेंडरी एजुकेशन उत्तराखंड