-बीते 28 फरवरी को आईनेक्स्ट ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी खबर

-सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने किया सदन का वॉकआउट

-इससे पहले विपक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस व मीडिया बयानों के जरिए भी उठाया था मामला

DEHRADUN: बीते ख्8 फरवरी को आईनेक्स्ट में प्रकाशित खबर की गूंज गुरुवार को विधानसभा बजट सत्र के दौरान सदन में सुनाई दी। विपक्षी पार्टी बीजेपी ने मामला सदन में उठाया और विषय की गंभीरता को देखते हुए चर्चा की मांग की। यही नहीं सरकार की तरफ से संतुष्ट जवाब न मिलने पर विपक्ष ने सदन का बायकाट भी किया।

पत्रावली किया था तलब

बीते माह ख्8 आईनेक्स्ट ने मुख्य सचिव के पत्र के आधार पर 'दायित्वधारियों की नियुक्तियों में गड़बड़झाला' शीर्षक नाम से खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। खबर में स्पष्ट किया गया था चीफ सेक्रेटरी ने सभी विभागीय सचिवों को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बिना तमाम आयोगों, निगमों आदि में चेयरमैन, उपाध्यक्ष व मेंबर्स की नियुक्ति से संबंधित पत्रावली तलब की थी। विभागीय सचिवों को लिखे पत्र से स्पष्ट हो रहा था कि कुछ संस्थाओं में कार्य नियमावली में निहित प्रावधानों की अनदेखी करते हुए दायित्वधारियों की नियुक्ति कर दी गई, जबकि इन मामलों में सीएम से भी अनुमोदन नहीं लिया गया।

विपक्ष ने किया वाकआउट

गुरुवार को बजट सत्र के दूसरे दिन लीडर अपोजिशन अजट भट्ट ने नियमानुसार पीठ से अनुरोध किया। सूचना पर विधायक मदन कौशिक, बंशीधर भगत व सुरेंद्र जीना के साइन भी थे। विपक्ष के अनुरोध के बाद स्पीकर ने फ्0क् के बजाय जीरो ऑवर में नियम भ्8 के तहत सुनने की अनुमति दी। नेता प्रतिपक्ष का कहना था कि सीएम के अनुमोदन के बिना नियुक्तियां सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करती है। सदन में मामला गरमाते देख संसदीय कार्यमंत्री इंदिरा हृदयेश ने शिकायत के एवज में स्थिति साफ करने के लिए सीएस ने अधीनस्थों से सूचना मांगी थी। लेकिन सरकार के जवाब से असंतुष्ट दिखी और सदन का बॉयकाट कर दिया।