::आई स्पेशल::

-निदेशालय से जुड़ेंगे पूरे प्रदेश के एएनएम

-गांव से लेकर निदेशालय को जोड़ने के लिए बांटे गए हैं 2200 मोबाइल सिम

-पायलट प्रोजेक्ट के तहत अगले चरण में सुपरवाइजरों को भी जोड़ने की तैयारी

DEHRADUN: सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो स्वास्थ विभाग के अंतर्गत प्रदेश का समूचा एनएचएम (राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशनन) संचार सुविधा के तहत एक तंत्र में जुड़ जाएगा। बाकायदा, इसके लिए एनएचएम निदेशालय स्तर से दो हजार मोबाइल सिम बांटे गए हैं। तर्क दिया गया है कि सीयूजी के तहत ग्रामीण स्तर पर पहुंचने वाली स्वास्थ्य वर्कर एएनएम से लेकर निदेशालय स्तर तक आला अधिकारी एक सिस्टम में जुड़े रहेंगे। जिससे सरकारी योजनाओं को गांव तक पहुंचाया जा सके।

ख्ख्00 मोबाइल सिम बांटे

यह योजना उत्तराखंड सहित देशभर के कई राज्यों में संचालित है। इसी के तहत राज्य एनएचएम निदेशालय की तरफ से अब एएनएम से लेकर निदेशक तक जोड़ने के लिए मोबाइल सिम बांटे गए हैं। करीब ख्ख्00 मोबाइल सिम एएनएम से लेकर निदेशालय तक वितरित किए गए हैं। कहा गया है कि हर रोज गांव से लेकर निदेशालय स्तर तक क्या अपडेट है, इसकी जानकारी सीयूजी के जरिए एएनएम से लेकर निदेशक तक रहेगी।

सरकार की योजना पहुंचेगी गांव तक

दावा किया गया है कि एनएचएम पहला डिपार्टमेंट है, जहां स्वास्थ्य वर्कर से लेकर अपर निदेशक, निदेशक तक एक तंत्र से रोजाना अपडेट रहेंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तहत हुई शुरुआत के बाद अब दूसरे चरण में सुपरवाइजर को भी मोबाइल सिम से जोड़ने की कोशिशें की जा रही हैं। इनसे ब्लॉक मैनेजमेंट यूनिट के बाद डिस्ट्रिक्ट व आखिरी में स्टेट मैनेजमेंट यूनिट जुड़ पाएंगी। अगले चरण में कोशिशें यह भी हैं कि मोबाइल की जरूरत पड़ी तो मोबाइल की सुविधा देने के साथ व्हाट्सएप से भी जोड़ा जा सकेगा। फिलहाल, एएनएम को जो मोबाइल सिम बांटे गए हैं, उसके तहत केंद्र व राज्य सरकारों के मैसेजेज गांवों तक पहुंचा कर जानकारी देना भी दूसरी वजह बताई गई। किस गांव में क्या दिक्कत है, कैसे समस्या का हल ढूंढ़ा जा सकता है। इस तंत्र को मजबूत करने के बाद मौके पर ही समस्या का समाधान करवाना भी प्रमुख बताया गया है।

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::वर्जन::

एनएचएम के तहत एएनएम योजनाओं को गांव स्तर पर ले जाने की सबसे छोटी कड़ी होती है। वन टाइम में कैसे योजनाओं को गांवों तक पहुंचाया जाए, मोबाइल सिम बांट कर जोड़ने का प्रयास है। परिणाम सकारात्मक रहे तो मोबाइल देने पर भी विचार किया जा सकता है।

अर्चना श्रीवास्तव, एडीशनल डायरेक्टर, एनएचएम।