मैंने जो किया वह कोई क्राइम नहीं

भटकल पर मकोका (Maharashtra Control of Organized Crime) के तहत आरोप लगाया गया है. इस कानून के तहत आरोपी के बयान को डीसीपी लेवल का ऑफिसर दर्ज करता है. जब डीसीपी किशोर जाधव ने भटकल से पूछा कि वह अपना बयान क्यों देना चाहता है तो उसने कहा कि मैंने जो ब्लास्ट किए, उन्हें लेकर मुझे कोई अफसोस नहीं है इस लिए मैं बयान देना चाहता हूं. भटकल ने पुलिस को बताया कि वह नहीं मानता कि उसने जो किया है वह एक क्राइम है. भटकल के साथी असादुल्ला अख्तर ने भी अपने बयान में कि बताया कि उसे भी बम ब्लास्ट करने का कोई अफसोस नहीं है.

गोधरा दंगों का बदला लेने के लिए ब्लास्ट

इस बयान में दोनों ने बताया कि उन्होंने 2002 के गोधरा रॉएट का बदला लेने के लिए, 2005 के बाद कई जगहों पर ब्लास्ट किए. महाराष्ट्र एटीएस ने दोनों को अरेस्ट किया था. इससे पहले दिल्ली की एक कोर्ट ने दोनों को कस्टडी में लेने की एटीएस की मांग को मान लिया था. एटीएस के मुताबिक 13 जुलाई 2011 को मुंबई के झावेरी बाजार, ओपेरा हाउस और कबूतरखाना में हुए विस्फोट की साजिश भटकल ने रची थी. इन विस्फोटों में 21 लोग मारे गए थे और 141 घायल हो गए थे.

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