कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Year Ender 2020: साल 2020 समाप्त होने जा रहा है। कोरोना वायरस जैसी महामारी से बेहाल होने की वजह ये साल इतिहास के पन्नाें में दर्ज हो गया है। हालांकि इस सबके बीच एक अच्छी चीज ये है कि कोरोना वायरस ने हमारी जिंदगी को बदलकर रख दिया। हमारे खाने, पीने, रहने, मनाेरजंन से लेकर काम करने और पढ़ाई-लिखाई का तरीका सबकुल तेजी से बदल गया है। आइए जानें कैसे...
फूडिंग बिहेवियर
काेरोना वायरस ने तेजी से लाेगों का फूडिंग बिहेवियर चेंज करके रख दिया है। लाॅकडाउन के दाैरान फूड की होम डिलीवरी भी कुछ समय के लिए रुक गई थी। इस दाैरान बाहर के खाने के शाैकीन लोगों ने डिलीसियश डिसेज को घर पर ही बनाना शुरू कर दिया है। हाल ही में गूगल ने अपनी मोस्ट सर्च लिस्ट में इस बात का खुलासा किया कि इस साल भारत में पनीर से लेकर जलेबी कैसे बनाएं काफी ज्यादा सर्च किया गया।
ऑनलाइन एजूकेशन
एजूकेशन सेंटर्स ने लाॅकडाउन में स्टूडेंट को ऑनलाइन क्लासेज, कोचिंग और सिलेबस देकर ऑनलाइन एजूकेशन काे एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है। भारत में स्टूडेंट और प्रोफेशनल्स ऑनलाइन क्लासेज के लिए साइन अप कर रहे हैं। जेईई और एनईईटी जैसी प्रवेश परीक्षाओं या अपस्किलिंग के लिए मांग कई गुना बढ़ गई है। देश भर में कई स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेज शुरू की हैं। स्कूलों ने सुनिश्चित किया है कि एक्टिविटी और होमवर्क के साथ वर्चुअल कक्षा क्लासेज सामान्य कक्षाओं की तरह दिखती है।

प्रतीकात्मक तस्वीर

क्लीनलीनेस
कोरोना वायरस के आने के बाद हम अधिक क्लीनलीनेस यानी कि स्वच्छता के प्रति जागरूक हो गए हैं। लोगों ने व्यक्तिगत स्वच्छता को अधिक गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। बार-बाहर हाथों को धोने व उपयोग करने से पहले चीजों को साफ करने की एक्टिविटी जो एक मजबूरी के रूप में शुरू हुई थी। आज वह एक आदत बन गई है। स्वास्थ्य और स्वच्छता ब्रांड इस अवसर पर बढ़े हैं। स्वच्छता पर जागरूकता फैलाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किए हैं। सार्वजनिक थूकना दंडनीय अपराध है, इनमें से एक है।
वर्क कल्चर
कोरोना वायरस काल में वर्क कल्चर भी तेजी से बदला है। वर्क फ्रॉम होम (डब्ल्यूएफएच) एक बड़ा बदलाव है जो आज हमारे जीवन का हिस्सा बन गया है। हालांकि हकीकत में यह कोई नया कांसेप्ट नहीं है। भारत में कई आईटी कंपनियां इसकी प्रैक्टिस पहले से कर रही थीं। कोविड-19 के आने के बाद इस कल्चर ने तेजी से ग्रो किया। इस दाैरान लगभग सभी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम के लिए कहा है।
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हेल्थ एंड मेडिकल एक्‍टीविटी
कोरोना से खुद को व अपने परिवार को बचाने के लिए लोगों ने इम्यूनिटी मजबूत करने पर फोकस किया। बड़ी संख्या में लोगों ने तमाम तरह के देशी-विदेशी नुस्खों का इस्तेमाल किया। खास बात तो यह है कि एक बार फिर लोगों ने काढ़े जैसे तमाम घरेलू नुस्खों को अपनी जिंदगी में जगह दी। वहीं इस पेंडमिक पीरियड में ऑनलाइन डाॅक्टर्स सर्विसेज भी पहले से बेहतर हो गई हैं।
शाॅपिंग स्टाइल
ऑफलाइन शाॅपिंग पसंद करने वाले लोग भी महामारी के दाैर में जब बाजार खुले भी तो लोग डर की वजह से ऑनलाइन शाॅपिंग प्रिफर कर रहे है। इसके अलावा रोजमर्रा के आइटम के साथ ही लोग लग्जरी आइटम भी अब ऑनलाइन खरीद रहे हैं। ऐसे में बड़े लग्जरी शॉपर्स भी ऑनलाइन लग्जरी शॉपिंग स्पेस की ओर शिफ्ट हो रहे हैं। पहले जो कस्टमर विदेश से या फिर ऑफलाइन रिटेल स्टोर इंडिया से लग्जरी आइटम लेते थे वे भी इस कोरोना काल के बाद अब केवल एक बटन क्लिक करके अपने घर बैठे सैकड़ों लक्जरी आइटम की खरीदारी कर रहे हैं।
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पर्सनल फाइनेंस
कोविड-19 के दौर में लोग खर्चों में कटौती और बचत बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। कोरोना के चलते पर्सनल फाइनेंस को लेकर लोगों का रुख तेजी से बदला है। फाइनेंशियल फ्रीडम सर्वे 2020 की रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वे में 50 प्रतिशत लोगों ने गैर-जरूरी खर्च बंद करने और आपात स्थिति के लिए ज्यादा बचत की योजना बनाई है। 28 प्रतिशत लोगों ने गैर-जरूरी चीजों पर खर्च घटाने, 22 प्रतिशत आपात स्थिति के लिए अधिक बचत करने और 10 प्रतिशत लोगों ईएमआई का बोझ कम करने का प्लान किया है।
ऑन डिमांड एंटरटेनमेंट
कोरोना वायरस के दाैर में जब लोग अपने घरों में रह रहे थे उस टाइम उनकी सोशल लाइफ पूरी तरह से ठप थी। इसके अलावा टीवी व फिल्मों की दुनिया में भी ब्रेक सा लग गया था। इस दाैरान ऑन डिमांड एंटरटेनमेंट फील्ड में बूम आया। ऑनलाइन गेमिंग और ओवर-द-टॉप (ओटीटी) लोगाें की लाइफ स्टाइल में तेजी से शामिल हुए।
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स्पोर्ट्स
कोविड-19 पेंडमिक पीरियड में स्पोर्ट्स में भी बड़ा बदलाव देखने को मिला है। इस दाैरान स्टेडियम खाली रहे। आईपीएल 2020 में इस बार डुप्लीकेट ऑडिएंस वाइस का इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा एक बार फिर वीडियो गेम ने लोगों की लाइफ में अपना स्पेस बनाया। वहीं इन डोर गेम में भी लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। लाॅकडाउन पीरियड में प्लेइंग कार्ड्स, लूडो जैसे गेम भी खूब खेले गए हैं।
ट्रांसपोर्टेशन
वैश्विक महामारी के समय ट्रांसपोर्टेशन पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ा। इस दाैरान लंबे समय के लिए बस, रेल व हवाई यात्रा पर रोक रही। वहीं लोकल ट्रांसपोर्ट और ऑनलाइब कैब सर्विसेज भी ठप होने से लोग बेहाल रहे। वहीं कोरोना काल के समय से लोग सेफ जर्नी के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल की बजाय पर्सनल ट्रांसपोर्ट काफी ज्यादा पि्रफर कर रहे हैं।

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