यह हादसा गुरुवार दोपहर तब हुआ जब ज़िले के सोनो प्रखंड के नैयाडीह पंचायत के चंद्रा गांव के ये बच्चे अपने घरों से मक़तब जा रहे थे. सभी बच्चे मुस्लिम समुदाय से हैं.

बताया जाता है कि यह बच्चे मध्यान्ह भोजन के बाद बर्तन रखने मक़तब से अपने घर गए थे और जब घर से लौट रहे थे तभी एक खेत में बिजली के तार की चपेट में आने की वजह से मारे गए.

मजिस्ट्रेट जांच

घटना के संबंध में जमुई के ज़िलाधिकारी शशिकांत तिवारी ने बताया कि देर रात सभी शव पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए गए हैं.

उन्होंने बताया कि काम में लापरवाही बरतने के आरोप में बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है और मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं.

स्थानीय पत्रकार पंकज कुमार सिंह के अनुसार, इलाके में बिजली के खंभों के बीच दूरी ज्यादा है और उनके बीच तार ख़तरनाक ढंग से झूलते रहते हैं.

कुछ महीने पहले भी एक व्यक्ति की मौत इन तारों की चपेट में आने से हुई थी. साथ ही कई मवेशी भी इसी तरह मारे जा चुके हैं.

इन घटनाओं के बाद ग्रामीणों ने बिजली के तारों को ठीक करने के लिए आवेदन दिया था.

ज़िला प्रशासन की ओर से मृतक बच्चों के परिजनों को कल्याण विभाग की पारिवारिक लाभ योजना के तहत बीस-बीस हज़ार रूपए और दक्षिण बिहार बिजली कंपनी की ओर से दो-दो लाख रुपए बतौर मुआवज़ा दिया जाएगा.

पीड़ित परिवारों को कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत भी पंद्रह-पंद्रह सौ रुपए तत्काल दिए गए हैं.

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