बिहार के छपरा सारण ज़िले में 'विषाक्त' भोजन खाने से हुई बच्चों की मौत के आठ दिन बाद मामले में नामजद स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापक मीना देवी को गिरफ्तार कर लिया गया है.

बिहार पुलिस के अनुसार उन्हें छपरा-सिवान बाइपास पर गिरफ्तार किया गया और इस समय उनसे  छपरा नगर थाने में पूछताछ जारी है.

इस मामले की जांच के लिए बिहार सरकार ने नौ सदस्यों वाले एक विशेष जांच दल का गठन किया था.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में इस बात की पुष्टि की है.

बिहार के छपरा जिले में एक सरकारी स्कूल में 'विषाक्त' भोजन खाने से 23 बच्चों की मौत हुई थी और दर्जनों का इलाज अब भी चल रहा है.

घटना गंडामन गाँव में स्थित धर्मसती प्राथमिक स्कूल की है.

बुधवार से पहले मीना देवी की तस्वीर भी मीडिया तक नहीं पहुँच सकी थी और दुनिया को उनके बारे में पता भी कम है.

कौन हैं मीना देवी?

गाँव वालों के अनुसार रोज़ की तरह उस दिन भी बच्चे हंसी ख़ुशी पढ़ाई करने स्कूल गए थे.

अजय कुमार, जिन्होंने अपनी पांच वर्षीय बेटी को दुर्घटना में खो दिया, उन्होंने बच्ची को  स्कूल भेजते वक़्त प्रधानाध्यापक मीना देवी को चबूतरे पर खड़ा देखा था.

अजय कुमार समेत लगभग उन सभी गांव वालों का गुस्सा इसी बात पर था कि अभी तक मीना देवी पुलिस और प्रशासन की पहुँच से बाहर क्यों थीं?

स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार मीना देवी और उनके पति अर्जुन यादव काफ़ी धाक रखने वाले लोग थे.

रमण कुमार नामक एक  निवासी ने बीबीसी को बताया था, "स्कूल का पूरा प्रबंधन एक तरह से मीना देवी के पति देखा करते थे. उन्हीं का ज़िम्मा था कि दूर-दराज़ के इलाकों से भी बच्चों को स्कूल में पढ़ने के लिए भर्ती कराएं".

इंटरमीडिएट पास 35 वर्षीया मीना देवी बसतपुर गाँव सिवान की रहने वाली हैं और अर्जुन यादव से विवाह के बाद से गंडामन गाँव में रह रहीं हैं.

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