पटना(ब्यूरो)। वायरल बुखार, चर्म रोग और श्वांस रोग के मरीज बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंच रहे हैं। वहीं, पीएमसीएच में नाक से पानी बहने, गले में खराश, बार-बार छींक, नाक-आंख व शरीर के अन्य अंगों में खुजली पर दी जाने वाली सबसे सामान्य एंटीहिस्टामाइन लिवोसेट्रेजिन नहीं है। इस दवा की उपयोगिता इसी से समझी जा सकती है कि उपरोक्त समस्या होने पर डाक्टर छह माह के बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक को अन्य दवाओं के साथ इसे लिखते हैं। चर्म रोग के इलाज के लिए अस्पताल में सिर्फ म्यूकोनाजोल क्रीम और प्रेडिनोसोल है। पसीने से होने वाली कवकीय संक्रमण के उपचार को इट्रिकोनाजोल तो दूर पुरानी फ्लूकोनाजोल तक नहीं है। बीपी की दवा एमलोडिपिन 5 एमजी व दर्द निवारक आई ब्रूफेन भी पीएमसीएच के ओपीडी दवा काउंटर में नहीं है।

कहने को हैं 93 तरह की दवाएं

पीएमसीएच दवा भंडार द्वारा जारी सूची के अनुसार शनिवार को 93 तरह की दवाएं थीं। बावजूद इसके घंटे भर कतार लगाकर काउंटर पर पहुंचने वाले किसी मरीज को पर्चे में लिखी सभी दवाएं नहीं मिल रहीं थीं। हर रोगी को एक से लेकर तीन दवाएं बाहर से लेने को कहा जा रहा था।

गार्ड उठाता अधीक्षक का फोन

इस बाबत पक्ष जानने के लिए जब अधीक्षक डा। आइएस ठाकुर को फोन किया गया तो काल सुरक्षाकर्मी ने रिसीव की। गार्ड ने बताया कि साहब बैठक में हैं और फोन गाड़ी में उसके पास है। उपाधीक्षक डा। एके झा ने भी फोन नहीं उठाया।

ओपीडी में अब पांच काउंटर से दवा वितरण शुरू

पटना : पीएमसीएच के ओपीडी दवा काउंटर पर अब मरीजों को कतार में नहीं लगना होगा। यहां हर दिन पांच काउंटर से दवा वितरित की जा रही है। दैनिक जागरण ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद प्रशासन ने यहां फार्मासिस्टों की संख्या दो से बढ़ाकर छह करने के साथ काउंटर बढ़ाने के निर्देश दिए थे।