- सात महीने 25 दिन पहले हुआ था गांधी मैदान में धमाका

- सारे आतंकी एनआईए की गिरफ्त में, बिहार की जमीन पर तलाश जारी

- पीएम पोस्ट तक पहुंचाने में ब्लास्ट की अहम भूमिका

- मोदी की रैली में पटना ब्लास्ट से जुड़ी पूरी कहानी, जिसने बदल दी तस्वीर

PATNA : एक तरफ इंडियन मुजाहिद का आतंक और दूसरी तरफ मोदी ने देश की जनता का वोट प्यार पाकर बता दिया कि 'मैं हूं'' देश का ताकतवर राजनेता। ख्म् मई को जब नरेंद्र मोदी देश के पीएम पद की शपथ ले रहे होंगे, उस समय गांधी मैदान में सन्नाटा पसरा रहेगा, लेकिन देश को क्भ्वां पीएम देने के लिए अपने सीने पर क्ख् बम धमाके सहने वाला गांधी मैदान इसकी कहानी दबाए है। 7 महीने ख्म् दिन पहले ख्7 अक्टूबर, क्फ् को गांधी मैदान में सीरियल ब्लास्ट के बाद अगर अफरा-तफरी मची होती, अगर मोदी अपने भाषण में ब्लास्ट की चर्चा की होती तो शायद आज तस्वीर कुछ और होता, क्योंकि गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट के बाद मोदी का एक बार फिर से मेक ओवर किया गया। उस चेहरे को भुनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ा गया। इस सब के बीच एनआईए ने पांच दिन पहले रांची में छिपे आईएम के चार अन्य आतंकी को भी खोज निकाला। वरना दिल्ली या फिर प्रेंसीडेंट हाउस में भी आईएम की योजना 'पीएम मोदी' को उड़ाने की थी।

फिर भी भीड़ जमी रही

गांधी मैदान में जिस तरह से लगातार सीरियल ब्लास्ट हो रहे थे और भीड़ जमी की जमी थी वो अपने आप में पॉजिटिव मैसेज दे रहा था। सौ से अधिक जख्मी और चार की मौत इस ब्लास्ट में होने के बाद भी मोदी आए और उन्होंने भाषण दिया।

फिर आने की हुई चर्चा

इस घटना के दूसरे और तीसरे दिन एक बार फिर से मोदी के बिहार आने और ब्लास्ट में मरे लोगों के परिजन से मिलने की बात ने उनका नया चेहरा सामने लाया। इस पॉजिटिव वेब के साथ बीजेपी की ताकत बढ़ती चली गयी। इसके बाद ब्लास्ट और उससे जुड़ी बातों को लेकर अमूमन बयान का दौर चलने लगा। अपनी आंखों के सामने हो रहे ब्लास्ट को देखने वाले प्रदीप गांगुली ने बताया कि नरेंद्र मोदी का ब्लास्ट के बाद भी भाषण देना और फिर ब्लास्ट में मारे गए लोगों के फैमिली वालों से मिलना गजब का काम किया।

पहले मछली फिर पीएम टारगेट मोदी

आईएम ने पटना की हुंकार रैली में मोदी को मारने के लिए कोड वर्ड मछली रखा था। योजना थी कि पहले जंक्शन में ब्लास्ट किया जाए, फिर गांधी मैदान के चारों तरफ। अफरा-तफरी मचेगी कि मंच के पास पहुंचकर बम लगा दिया जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और मछली का टारगेट फेल हो गया। जंक्शन पर ही आतंकी के गिरफ्त में आने के साथ ही आईएम के मेंबर कुछ रांची, कुछ नेपाल की ओर निकल गए। इसके बाद रांची में लगातार बैठकेंहोती रहीं। हैदर और बचे तीन आतंकी ने पीएम टारगेट मोदी का प्लान बनाया, जो चारों आतंकी की गिरफ्तारी के साथ खत्म हो गया।

टारगेट पूरा करने के लिए तीन करोड़

सोर्सेज की मानें तो मोदी को उड़ाने के लिए आईएसआई ने आईएम और सिमी को ज्वाइंटली जवाबदेही दी थी और इसके लिए तीन करोड़ रुपए दिए गए थे। गांधी मैदान ब्लास्ट फेल हुआ तो आतंकियों ने रांची में बैठकर प्लान बनाया। गिरफ्त में आए चारों आतंकी रांची स्थित नरेंद्र मोदी की सभा में पहुंचे। उनका भाषण सुना और फिर आगे का प्लान किया। लगातार फेल हो रहे और मेंबर की हो रही गिरफ्तारी के बाद बचे चारों आतंकियों ने दिल्ली में या फिर प्रेसीडेंट हाउस में घुसकर मिशन 'पीएम टारगेट मोदी' को अंजाम देने की योजना बनायी। इसके लिए ट्रेन का टिकट कटवाया। अगर गिरफ्तार नहीं होते तो हैदर और उसकी टीम संडे की शाम छह बजे दिल्ली पहुंच चुका होता।

सीरियल बम ब्लास्ट के दौरान पटना पुलिस ने बेहतर काम किया। सीनियर एसपी मुन महाराज ने बताया कि पूछताछ के दौरान आगे की योजना भी पटना पुलिस बनाने में जुटी है।

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एक नजर

भारत में आईएम का चीफ डॉक्टर शहनवाज आलम है जो फिलहाल नेपाल में है।

एनआईए की गिरफ्त में क्ब् आतंकी

तहसीन अख्तर उर्फ मोनू

उत्तर भारत में आईएम का प्रमुख संचालक, समस्तीपुर का रहने वाला है। गिरफ्तारी बिहार-नेपाल सीमा पर हुई।

हैदर उर्फ ब्लैक ब्यूटी

सिमी का संचालक और आईएम रांची से गिरफ्तार, औरंगाबाद और रांची डोरंडा का रहने वाला है।

नुमान अंसारी

पटना और बोधगया ब्लास्ट को अंजाम देने वाला, रांची के सिठिओ का निवासी, पलामू से हुई गिरफ्तारी।

मुजिबुल्ला अंसारी

रांची के ओरमांझी का रहने वाला, पटना और बोधगया ब्लास्ट में हाथ। गिरफ्तारी रांची से की गयी।

इम्तियाज अंसारी

पटना और बोधगया ब्लास्ट को अंजाम देने वाला इम्तियाज को पटना से गिरफ्तार किया गया। यह रांची सिठिओ का निवासी है।

उमेर सिद्दीकी

पटना ब्लास्ट में शामिल आतंकियों को शरण देने वाला और हमले के लिए आतंकियों को तैयार करने वाला सिद्दीकी छत्तीसगढ़ का है।

अजरुद्दीन

रायपुर से गिरफ्तार। रायपुर का रहने वाला।

अनिल पाण्डे

पटना, बोधगया और हैदराबाद ब्लास्ट के लिए विस्फोटक उपलब्ध कराने की जवाबदेही अनिल पर थी। मिर्जापुर यूपी का रहने वाला है।

ताबिश नियाज

आतंकियों को नेपाल में शरण दिलाने का काम करता था। मोतिहारी बिहार का रहने वाला है, एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया है।

मोहम्मद राजू

पटना और बोधगया ब्लास्ट को अंजाम देने वाला मोहम्मद राजू रांची से ही संगठन को मजबूत करने का काम करता था। रांची का रहने वाला है।

अहमद हुसैन

आतंकी हमले की साजिश और हमले को अंजाम देने वाला हुसैन रांची का रहने वाला, गिरफ्तारी हो चुकी है।

तारिक आजम

पटना ब्लास्ट के दौरान मौत हुई उसके ऊपर पटना में ब्लास्ट को अंजाम देने और हमले की साजिश रचने का आरोप था। रांची के सिठिओ का रहने वाला था।

उजैर

आईएम के लिए इंटरनेशनल फंडिंग का अरेंजमेंट करवाता था। रांची का रहने वाला उजैर को एनआईए ने गिरफ्तार किया।

वकार

तहसीन का साथी और मास्टर माइंड, फिलहाल हैदर के साथ टीम में काम कर रहा था। इसे दिल्ली बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया है।