केंद्रीय खुफिया एजेंसियों का पूरा जोर साइलेंस मोड में काम कर रहे स्लीपिंग माडयूल्स पर है। पुलिस और खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक खुफिया तंत्र को ऐसे संदिग्धों की तलाश है जो गोपनीय तरीके से एंटी नेशनल मिशन पर काम कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो दो माह पूर्व केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की स्पेशल गाइड लाइन पर नेपाल बॉर्डर से लेकर बिहार के संदिग्ध लोगों की पड़ताल की गई थी। सूत्र बताते हैं कि इस पड़ताल में एक सुरक्षा एजेंसी ने बिहार पुलिस को युवाओं की सूची दी थी जिनके बारे में पड़ताल कराई जानी थी। पड़ताल में इन युवाओं में कई संदिग्ध मिले हैं। इसी क्रम में नेपाल बॉर्डर पर पकड़े गए कुख्यात बदमाशों के बारे में भी सूचनाएं कलेक्ट कराई जा रही हैं.
विदेशी पैसों पर खुफिया नजर
सूत्रों का कहना है कि खुफिया तंत्र इस पर विशेष नजर रख रही है कि कहीं एंटी नेशनल क्रिमिनल्स के लिए विदेशों से तो पैसा नहीं आ रहा है। इसके लिए खुफिया निगरानी बढ़ा दी गई है। पुलिस भी इस अभियान में खुफिया तंत्र को सूचनाएं दे रही है। वरीय पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा को लेकर फोर्स पूरी तरह से अलर्ट है.
संवेदनशील है खुली सीमा
देश की सुरक्षाा को लेकर नेपाल की खुली सीमा काफी संवेदनशील है। बिहार और यूपी बॉर्डर से कई ऐसे बड़े आतंकियों की गिरफ्तारी हुई है जो सुरक्षा पर बड़ा खतरा बन सकते थे। नेपाल बॉर्डर से यासीन भटकल के साथ अन्य कई बड़े आतंकी संगठनों के मुर्गे पकड़े जा चुके हैं। इससे सुरक्षा को लेकर जब भी कोई अलर्ट होता है तो खुफिया तंत्र के रडार पर नेपाल की खुली सीमा होती है.
आतंकी हमले से बढ़ी चौकसी
पठानकोट में आतंकी हमले के बाद भी सुरक्षा को लेकर हर तरफ अलर्ट है। पुलिस जहां संदिग्धों की जांच पड़ताल में जुटी है वहीं खुफिया तंत्र भी नेपाल सीमा पर एक्टिव हो गई है। वरीय पुलिस अधिकारियों के साथ खुफिया विंग्स से जुड़े लोगों का कहना है कि पठानकोट की घटना के बाद पूरी तरह से अलर्ट है। इसमें बॉर्डर पर विशेष चौकसी है.
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों का पूरा जोर साइलेंस मोड में काम कर रहे स्लीपिंग माडयूल्स पर है। पुलिस और खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक खुफिया तंत्र को ऐसे संदिग्धों की तलाश है जो गोपनीय तरीके से एंटी नेशनल मिशन पर काम कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो दो माह पूर्व केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की स्पेशल गाइड लाइन पर नेपाल बॉर्डर से लेकर बिहार के संदिग्ध लोगों की पड़ताल की गई थी। सूत्र बताते हैं कि इस पड़ताल में एक सुरक्षा एजेंसी ने बिहार पुलिस को युवाओं की सूची दी थी जिनके बारे में पड़ताल कराई जानी थी। पड़ताल में इन युवाओं में कई संदिग्ध मिले हैं। इसी क्रम में नेपाल बॉर्डर पर पकड़े गए कुख्यात बदमाशों के बारे में भी सूचनाएं कलेक्ट कराई जा रही हैं।
सूत्रों का कहना है कि खुफिया तंत्र इस पर विशेष नजर रख रही है कि कहीं एंटी नेशनल क्रिमिनल्स के लिए विदेशों से तो पैसा नहीं आ रहा है। इसके लिए खुफिया निगरानी बढ़ा दी गई है। पुलिस भी इस अभियान में खुफिया तंत्र को सूचनाएं दे रही है। वरीय पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा को लेकर फोर्स पूरी तरह से अलर्ट है.
देश की सुरक्षाा को लेकर नेपाल की खुली सीमा काफी संवेदनशील है। बिहार और यूपी बॉर्डर से कई ऐसे बड़े आतंकियों की गिरफ्तारी हुई है जो सुरक्षा पर बड़ा खतरा बन सकते थे। नेपाल बॉर्डर से यासीन भटकल के साथ अन्य कई बड़े आतंकी संगठनों के मुर्गे पकड़े जा चुके हैं। इससे सुरक्षा को लेकर जब भी कोई अलर्ट होता है तो खुफिया तंत्र के रडार पर नेपाल की खुली सीमा होती है.
आतंकी हमले से बढ़ी चौकसी
पठानकोट में आतंकी हमले के बाद भी सुरक्षा को लेकर हर तरफ अलर्ट है। पुलिस जहां संदिग्धों की जांच पड़ताल में जुटी है वहीं खुफिया तंत्र भी नेपाल सीमा पर एक्टिव हो गई है। वरीय पुलिस अधिकारियों के साथ खुफिया विंग्स से जुड़े लोगों का कहना है कि पठानकोट की घटना के बाद पूरी तरह से अलर्ट है। इसमें बॉर्डर पर विशेष चौकसी है.
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