पटना (ब्यूरो)। बिहार में दहेज का रेट करीब 25त्न बढ़ गया है। आईएएस को मुंहमांगी कीमत मिल रही है तो बैंकर का रेट भी 10 से 30 लाख रुपए तक है। बैंक क्लर्क का रेट भी अब 7 से 10 लाख तक है। वहीं इन दिनों बीपीएसी से नियुक्त शिक्षकों की रेट 18 से 20 लाख रुपये हो गई है। इसे लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने शहर के कुछ मैरेज ब्यूरों से रेट की पड़ताल की। इसके आधार पर जो तथ्य निकल कर सामने आए पढि़ए इस रिपोर्ट में।

रेस्टोरेंट की तरह मैन्यू

दहेज में कैश, जेवर और गाड़ी तो जरूरी है ही। इसके बाद भी लंबी लिस्ट होती है। इलेक्ट्रॉनिक गुड्स के ब्रांड तक तय किए जाते हैं। लिस्ट में खाने-पीने के मैन्यू और बारात ठहराने के लिए एसी और नॉन एसी कमरों तक की शर्त रखी जाती है। बैंड कौन सा होगा, ये तभी तय किया जाता है।

जाति के आधार पर भी कम-ज्यादा मिलता है दहेज
ब्राह्मण-राजपूत-कायस्थ-वैश्य : लड़का अगर सरकारी नौकरी में है तो
- आईएएस-60 लाख से एक करोड़ कैश। महंगी गाड़ी और फ्लैट (कैश बढ़ भी सकता है)।
आईपीएस और अलॉयड सर्विस-50 से 75 लाख कैश। 25 लाख का सामान, जेवर।
क्लास वन अफसर (जैसे बैंक पीओ)-20 से 30 लाख कैश। फोर व्हीलर।
क्लास टू अफसर-10 से 15 लाख कैश, फोर व्हीलर।
क्लास थ्री अफसर (जैसे क्लर्क)- 7 से 10 लाख कैश। हैसियत के हिसाब से कार या बाइक।
क्लास 4 सर्विस- 3 से 5 लाख कैश। बाइक।
लड़का अगर प्राइवेट नौकरी में है तो
- क्लास वन-7 से 10 लाख कैश, फोर व्हीलर।
- क्लास टू- 5 लाख कैश, फोर व्हीलर।
- क्लास थ्री-3 लाख कैश, 50 हजार की गाड़ी।
- क्लास 4-तीन लाख तक कैश।

भूमिहार-कुर्मी-कुशवाहा-यादव: लड़का सरकारी नौकरी में है तो
आईएएस-80 लाख से डेढ़ करोड़ कैश, महंगी गाड़ी और फ्लैट। (वर के बैकग्राउंड के हिसाब से कैश 5 करोड़ तक जा सकता है)।
आईपीएस और अलॉयड सर्विस-75 लाख से 1 करोड़ कैश, 25 से 30 लाख का सामान, जेवर।
क्लास वन (बैंक पीओ) 20 से 30 लाख कैश, फोर व्हीलर,
क्लास टू-10-15 लाख कैश, फोर व्हीलर।
क्लास थ्री (क्लर्क) से 7 से 10 लाख कैश। हैसियत के हिसाब से कार या बाइक।
क्लास 4 सर्विस में 5 लाख कैश, बाइक।

लड़का अगर प्राइवेट नौकरी में है तो
- क्लास वन-7 से 10 लाख कैश, फोर व्हीलर।
- क्लास टू- 5 लाख कैश, फोर व्हीलर।
- क्लास थ्री-3 लाख कैश, 50 हजार की गाड़ी।
- क्लास 4- तीन लाख तक कैश।
नोट: भूमिहार और कुर्मी जाति में अगर लड़के के हिस्से अगर 4 से 5 बीघा जमीन है तो 10 से 12 लाख रुपए तक दहेज में कैश। यादव जाति में भी दहेज का यही रेट है। जमीन और अपना मकान हो तो कैश में बढ़ोतरी संभव है।

दूल्हे की रेट लिस्ट
बीपीएसी चयनित टीचर 15 से 18 लाख एसयूवी (15 लाख)
सरकारी इंजीनियर (बिहार) 28 से 30 लाख कार (15 लाख)
सरकारी इंजीनियर (केंद्र) 25 से 30 लाख कार- 15 लाख तक
बीडीओ/सीओ 30 से 35 लाख कार-15 लाख तक
एसडीओ-एसडीपीओ 50 लाख स्कॉर्पियो, सफारी
आईएएस-आईपीएस मुंह मांगी कीमत मुंह मांगी
नोट: इसके अलावा ज्वेलरी अलग से। कास्ट और क्लास के हिसाब से ये डेटा भी बदल जाता है।

पकड़ौआ विवाह के आंकड़े
स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक बिहार में 2020 में जबरन शादी कराने के 7,194, 2019 में 10,295, 2018 में 10,310 और 2017 में 8,927 मामले सामने आए। हालांकि, इसमें से अधिकांश मामले आपसी सहमति से निपटाए गए। बिहार पुलिस मुख्यालय के मुताबिक 2020 में पकड़ुआ विवाह के 33 तथा 2021 में 14 मामले दर्ज किए गए।

पकड़ुआ विवाह का प्रचलन
भारत में साल 1961 में दहेज कानून बनाया गया, जिसमें दहेज लेन-देन को अपराध की श्रेणी में रखा गया। इसके बाद बिहार के गंगा बेल्ट के कई हिस्सों से पकड़ौआ विवाह के मामले सामने आने लगे। अभी भी पटना, बेगूसराय, मोकामा और नवादा पकड़ुआ विवाह का केंद्र बना हुआ है। जानकारों का कहना है कि पकड़ुआ विवाह प्रचलन शुरू होने की एक बड़ी वजह दहेज था। बिहार के गंगा बेल्ट में अभी भी कई गैंग सक्रिय हैं, जो पकड़ुआ विवाह को पूर्ण करवाने का ठेका लेता है।

पकड़ुआ शादी पर शोध
पटना वीमेंस कॉलेज ने 2020 में बिहार में पकड़ुआ विवाह को लेकर एक शोध किया था। इस शोध के मुताबिक पकड़ौआ शादी के सफल होने पर सस्पेंस बना रहता है। इसकी बड़ी वजह लड़के के परिवार की लड़की को लेकर सोच रहती है। इस शोध के लिए 600 लोगों से बात भी की गई, जिसमें से 47 प्रतिशत लोगों ने कहा कि पकड़ुआ विवाह में लड़की और लड़का दोनों विक्टिम रहता है। 58 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इस तरह की शादी लंबे समय तक सफल नहीं रह पाती है।