जिस्म के सौदागर यह धंधा चला रहे

यूं कहें कि शहर के खास-खास इलाकों में उनके कारण ही जिस्म के सौदागर यह धंधा चला रहे हैं। शायद इसलिए पुलिस जब चाहती है, तभी ये लोग पकड़े जाते हैं। इससे पहले कोई कार्रवाई नहीं होती। यही नहीं, इस धंधे में शामिल कुछ लोगों की मानें, तो कुछ पुलिस वाले उन लोगों से हर तरह के फायदे उठाते हैं। इनकी बात न मानने की सजा धंधा बंद।

धंधे पर पुलिस वालों की ही मुहर

इस पूरे धंधे में पुलिस का अहम रोल है। अब तो खुद पुलिस वाले भी मानते हैं। 30 जुलाई को आलमगंज में दो रेस्टोरेंट में हुई रेड में 58 लड़के लड़कियां पकड़ी गईं। इसके बाद सीनियर एसपी ने जब वहां के थानाध्यक्ष से पूछा, तो वह बोल पड़े कि कोई पुलिस वाला ही खबर देता है। इस धंधे की जड़ में अगर कोई पानी दे रहा है, तो वह पुलिस ही है। अगर पुलिस चाह ले, तो खुलेआम हो रहे धंधे पर रोक लगना मुश्किल नहीं है। इस धंधे ने शहर के हर इलाके में अपने पैर पसार लिए हैं।  

अब तो यह हाल कि छिपाना पड़ता है

पटना सिटी से लेकर दानापुर तक शहर के हर एरिया में सेक्स का कारोबार चल रहा है। यह पुलिस का रिकॉर्ड बोलता है। न चाहते हुए भी तीन महीने में दर्जन भर जगहों पर रेड हुई, सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ। कुछ एरियाज में तो रेसिडेंशियल फ्लैट में भी इस धंधों को चलाया जा रहा था। लोकल थाने की पुलिस को खबर होने के बाद भी इसे नहीं रोका जाता है। जब तक कि गुप्त रूप से सीनियर ऑफिसर को किसी ने खबर नहीं की हो, तब तक रेड नहीं होती। यही कारण है कि थाना स्तर पर लोगों को इस तरह की रेड से अलग रखा जा रहा है। हाल के दिनों में कई बार थाना को भी पता नहीं चला कि उसके एरिया में रेड हो रही है।

कारोबार करना है, तो मनाना पड़ेगा

शहर में सेक्स रैकेट ने एक बड़े कारोबार का रूप ले लिया है। इलीगल होने के बाद भी इस धंधे से बहुत सारे लोग जुड़े हैं और इन पर हाथ होता है पुलिस वालों का। इस धंधे से जुड़े एक सोर्स की मानें, हर बार जो दुबारा दुकानें खुल जाती हैं, यह पुलिस वालों की ही देन है। वैसे भी किसकी हिम्मत कि पुलिस एक बार हड़का दे, तो कोई दुबारा दुकान खोल ले। सारा काम इनके ही इशारे पर ऐसा होता है। मामला गर्म होता है, तो शटर डाउन और ठंडा पड़ते ही फिर से शुरू। इस धंधे के दलदल में फंसी एक लड़की ने बताया कि कई बार तो पुलिस वालों को भी खुश करना पड़ता है। यही नहीं, उनके कहने पर कुछ और लोगों को भी। यह किससे कह सकते हैं। जुबान खोलने की जुर्रत अब बची नहीं। ऐसे भी कौन सुनेगा, पहले से ही इस धंधे में हैं विश्वास भी कौन करे, पर यह सच्चाई है।

जगह के हिसाब से बंधी है रेट

धंधा जहां चलाना है चलाओ, पर उसके लिए नजराना देते जाओ। सोर्सेज की मानें, तो पुलिस की ओर से ब्यूटी पार्लर, साइबर कैफे और रेस्टोरेंट सब के लिए अलग-अलग रेट लिया जाता है। देने में आनाकानी की, तो रेड कर धंधा चौपट करने की धमकी। ऐसे में रेट बढ़ाना मजबूरी होती है। कुछ दिनों पहले ही पटना के एक सीनियर ऑफिसर ने रेड के बाद यही कहा कि अब यह रेड रेट बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि इस कारोबार को बंद करने के लिए हो रही है। बावजूद इसके इस धंधे पर रोक नहीं लग पा रही है। इसके लिए कहीं न कहीं पुलिस के वे लोग भी जिम्मेदार हैं, जो इस धंधे के दलालों के रहनुमा बन बैठे हैं।

पार्लर से रेस्टोरेंट तक

सेक्स के कारोबार के लिए ब्यूटी पार्लर्स बदनाम रहे हैं, पर अब यह धंधा रेस्टोरेंट से लेकर अपार्टमेंट तक में घुस गया है। कभी-कभी तो किराए के मकान में भी इसे आराम से चलाया जा रहा है। पहले सेक्स रैकेट सिर्फ ब्यूटी पार्लर्स में ही चल रहे थे। इसके बाद यह रेस्टोरेंट में भी घुसने लगा। आलम यह रहा कि पिछले 15 दिनों में ही दो रेस्टोरेंट में पुलिस ने रेड कर बड़े सेक्स रैकेट का खुलासा किया है। यही नहीं, अब तो अपार्टमेंट में भी इस तरह के धंधे आराम से चल रहे हैं। कई बार पुलिस ने पकड़ा है। कुछ महीने पहले ही गांधी मैदान थाना एरिया के गगन अपार्टमेंट में सेक्स रैकेट पकड़ा गया था। कई होटल में भी इस कारोबार को शह मिल रही है। वहां भी यह खुलेआम चल रहा है।

Restaurant में रंगरेलियां मनाते धराए