पटना (ब्यूरो)। बिहार के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों के नागरिकों को सस्ती दवाएं उपलब्ध होंगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने

राज्य सरकार के दिए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके मुताबिक राज्य के सभी 38 जिलों में चिन्हित पांच-पांच जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। सहकारिता विभाग की ओर से पहले ही पैक्सों का पैनल तैयार करा लिया गया है। इसलिए जनवरी से चयनित पैक्सों में जन औषधि केंद्र खोलने का काम आरंभ होगा। सहकारिता विभाग ने नवंबर में ही जन औषधि केंद्र खोलने का प्रस्ताव सहकारिता मंत्रालय को भेजा था।

पैक्सों की आय के साथ रोजगार के बढ़ेंगे अवसर

केंद्र और राज्य सरकार के संयुंक्त प्रयास से खोले जा रहे जन औषधि केंद्र से जहां ग्रामीणों को सस्ती दवाएं सुगमता से उपलब्ध

होंगी वहीं दूसरी ओर पैक्सों की आमदनी के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। सहकारिता विभाग का मानना है कि पैक्सों के माध्यम से दवाएं लोगों को किफायती दाम पर मुहैया कराई जा सकेंगी। खास बात यह कि पैक्सों के जरिए ग्रामीण इलाकों में सस्ती दवाएं उपलब्ध करानी प्राथमिकता में है। इससे लोगों का समय और पैसा, दोनों बचेगा। जन औषधि केंद्रों के जरिए करीब 1,800 दवाओं और 285 चिकित्सा उपकरणों की बिक्री की जाएगी। इन दवाओं के दाम खुले बाजार में मिलने वाली ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50-90 प्रतिशत तक कम होते हैं। जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदक के पास न्यूनतम 120 वर्ग फुट की जगह होनी चाहिए। इसका आवेदन शुल्क 5,000 रुपये है। दवाएं बेचने वाले पैक्स संचालक को फार्मासिस्ट की डिग्री होनी चाहिए।

किसानों को भी मिलेगा लाभ

पैक्सों पर जन औषधि केंद्र के खुलने का सर्वाधिक लाभ सीधे तौर पर किसानों को मिलेगा। किसान समिति से खाद, बीज, कीटनाशक दवा के लिए पहुंचते हैं। वे अब इसके साथ ही स्वयं व परिवार के इलाज के लिए दवाइयां भी प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें दूर के अस्पताल का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। सहकारिता विभाग इन दिनों साधन सहकारी समितियों को नया स्वरूप देने के प्रयास में जुटा है। खाद व बीज की बिक्री करने वाली समितियों की नई पहचान अब बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति (बी पैक्स) के रूप में है। ऐसे में समितियों पर किसानों को खाद व बीज देने के साथ ही जनसेवा केंद्र व प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की सुविधा देने की मुहिम शुरू हो गई है। जल्द ही यहां सभी औपचारिकताएं पूरी कर जेनेरिक दवाएं उपलब्ध करा दी जाएंगी।