रांची (ब्यूरो)। रांची सदर अस्पताल चार साल से अस्पताल बनकर तैयार है, लेकिन छोटे-मोटे काम पूरे नहीं होने की वजह से मरीजों को परेशानी होती है। अभी भी पुराने भवन में ही लोगों का इलाज किया जा रहा है। ओपीडी के लिए यहां भी नंबर लगाया जाता है। जब नए भवन को पुरी तरह से हैंडओवर कर दिया जाएगा, तो जगह की और सुविधा की परेशानी खत्म हो जाएगी। अभी हॉस्पिटल के पुराने भवन में लंबी कतार देखने को मिल रही है।

अब भी कई काम बाकी

अस्पताल के सेंट्रल किचेन, लाउंड्री, ओटी, इलेक्ट्रिकल, गैस पाइपलाइन फिटिंग्स सहित फॉल्स सीलिंग और पेंट तथा वाल पुट्टी का काम बचा हुआ है। इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा बेड, फ र्नीचर और आठ ओटी में उपकरणों का इंस्टॉलेशन करना बाकी रहेगा।

300 करोड़ के पार पहुंची लागत

500 बेड की क्षमता वाले रांची सुपर स्पेशियालिटी सदर हॉस्पिटल के निर्माण के लिए 167.56 करोड़ का टेंडर स्वीकृत हुआ था। समय के साथ इसकी लागत बढ़कर 300 करोड़ के पार चली गयी है। वर्ष 2007 से इसका निर्माण कार्य जारी है। 2014 में एनबीसीसी व विजेता कंस्ट्रक्शन ने मुख्य भवन के ढांचे को तैयार कर लिया था। इसके बाद से लगातार हॉस्पिटल को चालू करने का प्रयास चल रहा है, लेकिन आठ साल बाद भी इसे हैंडओवर नहीं लिया जा सका है। पांच साल पहले 200 बेड की मदर एंड चाइल्ड सेंटर यूनिट को आधे-अधूरे ढंग से हैंडओवर लिया गया। इसके एक साल बाद किसी तरह से आइसीयू की सुविधाएं बहाल की जा सकीं।

कई विभागों की संरचना तैयार

सदर हॉस्पिटल रांची में दूसरा सरकारी सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल होगा, जहां न्यूरो, कार्डियक, अंकोलॉजी, यूरोलॉजी और सीटीवीएस विभाग बनकर तैयार हैं। यहां सात मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर बनाए गए हैैं। इसके अलावा सेंट्रल स्टेरलाइज्ड सप्लाई डिपार्टमेंट सीसीएसडी, लॉन्ड्री, मॉड्यूलर किचेन, सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन सर्विसेज, सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीशनिंग फैसिलिटी, फ ायर फ ाइटिंग सहित अन्य अत्याधुनिक सुविधाएं भी मौजूद होंगी। इन सभी विभागों की संरचना तो तैयार है, लेकिन इन्हें ऑपरेट करने के लिए जो उपकरण चाहिए, वे नहीं हैैं। सदर अस्पताल में सीवरेज ट्रीटमेंट की भी विशेष व्यवस्था की जा गई है, जिसमें गंदे पानी को फि र से उपयोग करने की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इसके लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है, जिसमें अस्पताल का 4 लाख लीटर पानी प्रतिदिन री-यूज होगा।

रिम्स का बोझ होगा कम

सदर अस्पताल में सुविधाएं बढऩे सेे रिम्स पर गंभीर मरीजों का बोझ कम होगा, क्योंकि वहां कई विभागों में मरीजों को बेड नहीं मिलता। बरामदे में इलाज होता है। सदर अस्पताल पूरी तरह चालू होने से मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलेगी। लेकिन, यह कब मिलेगी, इसकी जानकारी अभी तक किसी के पास नहीं है। यही वजह है कि हाई कोर्ट के द्वारा हर तारीख में सुनवाई के दौरान सरकार को कड़ी फटकार मिलती है।