रांची(ब्यूरो)। बिजली विभाग की लापरवाही का खामियाजा सैक ड़ों बिजली कंज्यूमर्स भुगत रहे हैं। विभाग की ओर से एजेंसी के जरिए नियुक्तऊर्जा मित्र ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। पिछले 10-11 माह से कंज्यूमर्स के यहां मीटर की रीडिंग करने नहीं पहुंचे, जिससे सही बिजली बिल की जानकारी कंज्यूमर्स को नहीं मिल पा रही है। वहीं कई कंज्यूमर्स के घरों में हाल ही में लंबे गैप के बाद रीडिंग करने पहुंचे और कंज्यूमर्स को हजारों रुपए का बिजली बिल थमा दिया। इससे कंज्यूमर्स परेशान हो गए हैं। कई लोगों का बिल 10 हजार रुपए तक आया है, जिससे उनमें विभाग के प्रति आक्रोश है।

दो वर्ष पूर्व नियुक्ति

झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड की ओर से ऊर्जा मित्रों की नियुक्ति दो वर्ष पूर्व की गई थी। इन ऊर्जा मित्रों की नियुक्ति कंपीटेंस एनर्जी नामक एजेंसी के जरिए की गई थी। इन्हें बिजली कंज्यूमर्स के घर-घर जाकर उनके मीटर की रीडिंग करके बिल देने की जिम्मेवारी दी गई थी।

पहले भी कई शिकायतें

ऊर्जा मित्रों की पहले भी अलग-अलग एरिया बोर्ड से शिकायतें मिलती रही हैं, जिसमें गलत मीटर रीडिंग देकर बिल कंज्यूमर्स को थमाने की शिकायतें शामिल हैं। ऊर्जा मित्र कंज्यूमर को गलत बिल देकर न सिर्फ कंज्यूमर को ही चूना लगा रहे हैं, बल्कि राज्य सरकार को भी राजस्व की हानि पहुंचा रहे हैं। हालांकि, ऐसी शिकायतों को लेकर विभाग ने संबंधित ऊर्जा मित्रों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का भी निर्देश दिया है, ताकि ऐसे ऊर्जा मित्रों पर कार्रवाई की जा सके।

केस-1

धुर्वा स्थित सेक्टर-3 में रहनेवाले हसनैन खान को ऊर्जा मित्र ने 10 महीने में 40 हजार रुपए बिजली बिल थमा दिया। इसे लेकर उन्होंने विभाग में कंप्लेन भी किया है, लेकिन फिर से उन्हें इसी तरह का बिल दिया जा रहा है। भारी भरकम बिजली बिल को लेकर हसनैन कहते हैं कि पिछली बार पांच हजार रूपए जाम किया था, लेकिन विभाग ने बिजली बिल में उसे घटाने के बजाए और और बढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि इसे लेकर एसडीओ को अप्लीकेशन दिया है और विभाग की ओर से उन्हें गड़बड़ी ठीक करने का आश्वासन दिया गया है।

केस-2

धुर्वा सेक्टर-4 इलाके में ही शांति देवी का बिजली बिल 9 हजार रुपए आया है। उनका यह बिल पिछले 10 माह के दौरान उपभोग की गई बिजली के एवज में आया है। इस संबंध में शांति देवी कहती हैं कि वो इतना अधिक बिल की राशि कहां से दे पाएंगी। उन्होंने कहा कि विभाग समय-समय पर मीटर की रीडिंग नहीं करता है, जिसका नुकसान उन्हें उठाना पड़ रहा है।

केस-3

धुर्वा के ही सेक्टर-3 के रहनेवाले सुनील महतो को बिजली बिल 4500 रुपए आया है। सुनील का कहना है कि उन्होंने ऊर्जा मित्रों द्वारा रीडिंग नहीं करने को लेकर पुराने विधानसभा स्थित विभाग के कार्यालय में कई बार शिकायतें भी कीं, लेकिन बावजूद इसके ऊर्जा मित्र रीडिंग करने नहीं आए। ऐसे में इतनी बड़ी राशि वे एक साथ नहीं दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद कोई ऊर्जा मित्र रीडिंग करने उनके घर नहीं पहुंचा। यही वजह है कि एक साथ इतनी बड़ी राशि का बिल उन्हें दिया गया।

केस-4

अधिक बिजली बिल की शिकायत धुर्वा के सेक्टर-4 की अनीता देवी को भी है। विभाग की ओर से अनीता देवी को 4730 रुपए का बिल दिया गया है। अनीता देवी नगर निगम में फोर्थ ग्रेड का काम करती हैं। अनीता देवी कहती हैं कि ऊर्जा मित्र पिछले कई माह से मीटर रीडिंग करने नहीं आया है। विभाग की ओर से हर महीने यदि बिल दिया जाता तो वे उन्हें बिल चुकाने में सहूलियत होती।

ऊर्जा मित्र समय पर यदि कंज्यूमर्स के घर पर बिल देने नहीं जा सकते हैं तो भी कंज्यूमर्स को उतना ही बिल दिया गया है जितना बिजली का उसने उपभोग किया है। ऊर्जा मित्र के नहीं जाने से कंज्यूमर्स की सब्सिडी पर कोई असर नहीं हुआ है। उनकी सब्सिडी काटकर ही बिल जेनरेट किया गया है।

-राजेश कुमार मंडल, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, न्यू कैपिटल एरिया, रांची