-4 अगस्त को अबतक हुई सुनवाई की होगी समीक्षा

-विस अध्यक्ष कोर्ट में दल-बदल मामले की सुनवाई

रांची : झाविमो के छह विधायकों के भाजपा में जाने के मामले में विधानसभा अध्यक्ष के कोर्ट में शुक्रवार को हुई सुनवाई में झाविमो के वकील ने मांग की कि हुजूर जिन विधायकों की गवाही नहीं हो पा रही है, उन्हें डिबार कर दें। स्पीकर ने इसपर प्रतिवादी को अपना पक्ष रखने को कहा। प्रतिवादी के वकीलों ने इसे गलत ठहराते हुए इस मांग के विरोध में काफी जिरह की।

जिरह के दौरान मामला गरम

प्रतिवादी का कहना था कि गवाहों का बयान दर्ज होना शुरू हो गया है, इसलिए बीच में विधायकों की गवाही नहीं हो सकती। यह मैंडेटरी भी नहीं है। झाविमो के विधायक इसे मैंडेटरी बता रहे थे। दोनों पक्षों के वकीलों के जिरह के क्रम में थोड़ी देर के लिए मामला गरम भी हो गया। स्पीकर के हस्तक्षेप के बाद झाविमो के वकील ने स्पीकर से कम से कम छह विधायकों की गवाही की तिथि तय करने की मांग करते हुए उनके स्वविवेक पर छोड़ दिया। स्पीकर ने खुली इजलास की अगली तिथि 4 अगस्त को निर्धारित करते हुए कहा कि इस दिन इसपर निर्णय लिया जाएगा। उसी दिन अबतक की हुई सुनवाई का निचोड़ भी निकाला जाएगा।

दोबारा गवाही की मांग

झाविमो के वकील ने सुनील साहू के दोबारा गवाही की भी मांग की। उनका कहना था कि जिस समय उनकी गवाही हुई थी वे झाविमो में थे अब भाजपा में चले गए हैं। प्रतिवादी ने इसका पुरजोर विरोध किया। इस बीच, विधायक नवीन जायसवाल की ओर से दो गवाहों राहुल कुमार सिंह व जेम्स के बयान दर्ज हुए। दोनों ने कहा कि 8 फरवरी 2015 को दलादली में झाविमो की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में सर्वसम्मति से भाजपा में पार्टी के विलय का निर्णय लिया गया था। उनके अनुसार, उस बैठक में वे भी उपस्थित थे। हालांकि पूछताछ के क्रम में दोनों ने कार्यसमिति के सदस्य नहीं होने तथा विधायक नवीन जायसवाल के कहने पर आने की बात स्वीकार की। दोनों का कहना था कि वे नवीन जायसवाल के साथ झाविमो में गए और उन्हीं के साथ भाजपा में चले गए।

उल्लेखनीय है कि झाविमो के छह विधायकों अमर बाउरी, नवीन जायसवाल, जानकी प्रसाद यादव, रणधीर सिंह, आलोक चौरसिया तथा गणेश गंझू के भाजपा में चले जाने के मामले में स्पीकर कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इनमें से जानकी प्रसाद यादव को छोड़कर सभी के गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं। कुल 78 गवाहों के बयान दर्ज होने हैं।

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