--हरमू बाइपास रोड में जाम से रेंगती रहीं गाडि़यां, स्कूल बसों में सो गए बच्चे

हरमू बाइपास रोड में कट बंद कर दिए जाने के बावजूद हर दिन से ज्यादा लंबा जाम लग गया। दिनभर टू-व्हीलर और फोर व्हीलर गाडि़यां रेंगती रहीं। सबसे ज्यादा परेशानी तो स्कूली स्टूडेंट्स को हुई, जो हरमू रोड में बस में बैठे-बैठे जाम खुलने के इंतजार में सो गए। यह जाम इन बच्चों के लिए किसी टॉर्चर से कम नहीं था। आखिर लाख कोशिश के बावजूद ट्रैफिक पुलिस जाम रोक पाने में विफल हो रही है। हद तो यह है कि इसी बाइपास से होकर सीएम सहित अन्य वीआईपीज का काफिला गुजरता है। जाम का नजारा सिर्फ हरमू रोड तक ही सीमित नहीं था, उधर बहूबाजार के पास भी गाडि़यां रेंगती रहीं और ट्रैफिक पुलिस कुछ नहीं कर सकी।

तीन लोग हिरासत में

स्कूली बच्चे, महिला-पुरुष सभी जाम से परेशान दिखे। किशोरगंज के पास कट बंद किए जाने का विरोध करने के लिए जुटे लोगों पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने की चेतावनी भी दी। नहीं मानने पर तीन लोगों को हिरासत में लिया गया। लोगों ने इसका विरोध किया। ट्रैफिक पुलिस लोगों को शांत कराने में जुटी रही। ट्रैफिक डीएसपी राधा प्रेम किशोर ने कहा कि आज भर इस व्यवस्था को रहने दें। यहां करीब 10 फीट का कट छोड़ने का आग्रह ऊपर के अधिकारियों से किया गया है। निर्देश मिलते ही लोगों की सुविधा के लिए कट को खोला जाएगा।

--क्या थी पुरानी व्यवस्था?

--हरमू बाइपास में देवी मंडप और भारत माता चौक के पास कट्स के कारण जाम लगता था।

--क्या होती थी परेशानी?

--शुक्रवार से पहले किशोरगंज के आसपास गाडि़यां 5-10 मिनट जाम में फंसती थीं।

--नई व्यवस्था में क्या हुआ?

--हरमू बाइपास रोड में देवी मंडप के पास और भारत माता चौक के कट्स बंद कर दिए गए।

--क्या निकला रिजल्ट?

--कट्स बंद करने के बाद पहले ही दिन गाडि़यां 10 मिनट की जगह 30-30 मिनट जाम में फंसी रहीं।

--क्यों उल्टा हो गया रिजल्ट?

--कट्स बंद कर दिए जाने के कारण जो गाडि़यां पहले अगल-बगल कसे निकल जाती थीं, वह भी एक-दूसरे के पीछे चल रही थीं, जिससे जाम लंबा होता चला गया। अब जिस व्यक्ति को रांची लेक जाना था, वह पहले एक ओर के रास्ते से शनि मंदिर पहुंचा और फिर दूसरे रास्ते से वापस देवी मंडप तक वापस लौटा और फिर रांची लेक की ओर मुड़ा, जिससे दोनों ओर की सड़कों पर लोड बढ़ गया।

--कैसे मिल सकती है राहत?

--रांची की सड़कों पर गाडि़यों का तो लोड बढ़ा ही है, साथ ही स्कूल बसों के अलावा दर्जनों प्राइवेट कोचिंग और कॉलेजों की बसें भी जाम का बड़ा कारण हैं। नतीजा यह होता है कि जिस वक्त स्कूलों में छुट्टी होती है, उस वक्त अगर चार स्कूल की बसें सड़क पर आईं तो लंबा जाम लग जाता है। बाकी समय में प्राइवेट कॉलेज की बसें भी जाम लगाती हैं। इन संस्थानों में बस की जगह विंगर जैसी गाडि़यां चलें तो जाम से राहत मिलेगी।