शोभन सरकार ने 1000 टन सोने का सपना देखा और सरकार ने खुदाई का फैसला ले लिया. ऐसा नहीं है इस खुदाई के निर्णय से पहले कुछ लोगों ने बकायदा सर्वे किया और 9 पन्‍नों की अपनी एक रिपोर्ट गवर्नमेंट ऑफ इंडिया को दी. पढि़ए एक रिपोर्ट...


जीएसआई की रिपोर्टसोभन सरकार के सपने के बाद जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने उन्नाव के डोंडिया खेड़ा का वैज्ञानिक रूप से सर्वेक्षण किया. जीएसआई ने अपनी रिपोर्ट सेंट्रल गर्वनमेंट को दी. इसी रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को यहां खुदाई का आदेश दिया. जीएसआई ने अपनी रिपोर्ट 9 पन्नों में दी. उसने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 5 से 20 मीटर की गहराई में यहां मेटल के होने की संभावना है. लेकिन इस रिपोर्ट में सोने का दावा नहीं किया गया है.एक महीने में होगी खुदाई


एएसआई अपने नॉर्म्स के अनुसार खुदाई करेगा. एएसआई के 10 सदस्यों ने बबूल के जंगल में दो ट्रेंच बनाकर खुदाई शुरू कर दी है. इलाके की पूरी तरह खुदाई होने में एक महीने का वक्त लगेगा. ऑर्कियोलॉजिकल खुदाई बहुत ही धीरे-धीरे की जाती है. जमीन की परत दर परत खुदाई होती है और मिट्टी को छानकर छोटी से छोटी चीजों की बारीक जांच की जाती है. इसके बाद ही जमीन के अगले परत की खुदाई होती है. इस प्रक्रिया में लंबा समय लगता है. खजाने के अलावा वहां से ऑर्कियोलॉजिकल महत्व की भी चीजें मिलने की संभावना है.किवदंती और इतिहास

किवदंती है कि राजा राव रामबक्श के किले के आसपास जमीन की गहराइयों में अकूत खजाना है. वहां सोना संदूकों में स्टोर किया गया है. उसकी हिफाजत स्वयं शेषनाग करते हैं. इधर साधु शोभन सरकार ने भी सपना देखा कि वहां की जमीन में 1,000 टन सोना है. हालांकि इतिहासकार इस मत से उलट राय रखते हैं. उनका कहना है कि उस वक्त उस इलाके की मालगुजारी इतनी नहीं थी कि वहां के राजा या शासकों के पास इतना खजाना होगा.

Posted By: Satyendra Kumar Singh