एम्स के ईमानदार ऑफिसर को हटाया, बीजेपी के मंसूबों पर उठे सवाल
बीजेपी के बड़े नेता इसके पीछे: संजीव
संजीव चतुर्वेदी का आरोप है कि उनके ट्रांसफर के पीछे बीजेपी के एक बड़े नेता का हाथ है. उन्होंने सेंट्रल हेल्थ सेक्रेटरी को एक लेटर लिखा है और इसकी एक कॉपी प्रधानमंत्री को भी सौंपी है. संजीव ने कहा कि इस नेता के निजी डॉक्टर के कहने पर उनका ट्रांसफर किया गया है क्योंकि उस डॉक्टर की करप्शन के आरोप में जांच चल रही थी. इस निजी डॉक्टर एक डायबेटिक एक्सपर्ट हैं और इनके ऊपर लगे आरोपों को खुद हेल्थ मिनिस्टर ने खारिज कर दिया था. आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी सरकार से पूछा है कि क्या इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
संजीव सीओसी पोस्ट के लायक नहीं: हर्षवर्धन
वहीं हर्षवर्धन ने इस मसले पर अपना बचाव करते हुए कहा कि संजीव जिस पोस्ट पर थे वह उसके कतई लायक नहीं थे. बिना सीवीसी(सेंट्रल विजिलेंस कमीशन) की मंजूरी के बिना कोई चीफ विजिलेंस ऑफिसर नहीं बन सकता. हमें इस बात की जानकारी मिली और हमने तुरंत उन्हें पोस्ट से हटा दिया.
ऑनेस्ट ऑपिसर की इमेज है संजीव की
संजीव चतुर्वेदी पिछले दो सालों से फिनैंशियल इर्रेग्युलरिटीज और करप्शन के मामलों का खुलासा करने के लिए सुर्खियों में रहे हैं. उनकी इमेज एक साफ-सुथरे ऑनेस्ट ऑफिसर की रही है. वे हरियाणा कैडर के 2002 बैच के फॉरेस्ट ऑफिसर रहे हैं. उन्हें जून 2016 में इस पोस्ट से रिटायर होना था लेकिन इससे पहले ही उन्हें हटा दिया गया. उनकी जगह हेल्थ मिनिस्ट्री के सीवोसी और सेक्रेटरी को यह पोस्ट दी गई है.