पिछले रिकॉर्ड के करीब डेंगू

663 पहुंची डेंगू पेशेंट्स की संख्या

104 सैंपल की जांच की गई

17 सैंपल पॉजिटिव पाए गए

700 थी डेंगू पेशेंट्स की संख्या पिछली बार

-वार्डो में फॉगिंग के नाम पर खानापूर्ति, पूरे सीजन में मैक्सिमम एक से दो बार हुई

-पाइपलाइन लीकेज भी बना डेंगू फैलने का बड़ा कारण

PRAYAGRAJ: डेंगू चरम पर है। अभी तक कुल 663 डेंगू पेशेंट्स आइडेंटिफाई किए जा चुके हैं। यह संख्या पिछली साल 15 नवंबर के आंकड़े 700 से कुछ ही कम है। वहीं शहर में डेंगू फैलने की कई वजहें सामने आ रही हैं। इनमें रेगुलर और बेहतर ढंग से फॉगिंग न होना, पाइपलाइन लीकेज जैसे रीजंस बताए गए हैं। आइए एक नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ रीजंस पर

बस शिड्यूल में ही फॉगिंग

हाल ही में नगर निगम की ओर से फॉगिंग का शेड्यूल जारी किया गया है। दो माह में बमुश्किल एक से दो बार ही फॉगिंग की गई है। अलोपीबाग में एक बार, कर्नलगंज में दो बार, सरायगढ़ी में दो बार, बेनीगंज में एक बार भी नहीं, चकनिरातुल में एक बार भी फॉगिंग नहीं हुई है। पार्षदों का कहना है कि वार्ड के आधे मोहल्लों में ही मशीन जा रही है। आने के कुछ मिनट बाद ही गायब हो जाती है। जबकि मानक के अनुसार फॉगिंग वाहन की स्पीड छह किमी प्रति घंटा से अधिक नहीं होनी चाहिए।

केवल कहने को हैं छह मशीनें

नगर निगम के पास फॉगिंग की छह मशीनें हैं। लेकिन सड़कों पर शायद ही कोई नजर आए। लोगों का कहना है कि इस सीजन में डेंगू फैलने का इंतजार करने के बजाय अगर सभी मशीनों के जरिए फॉगिंग कराई जाए तो मच्छरों से निजात मिल सकती है। बता दें कि एक से दो फॉगिंग के बीच 15 दिन का अधिकतम अंतर होना चाहिए। वरना फॉगिंग का प्रभाव खत्म हो जाता है। लेकिन निगम द्वारा इस मानक का भी पालन नहीं किया जा रहा है।

कवर नहीं करते हैं पूरा एरिया

चकिया के रहने वाले कमलेश बताते हैं कि फॉगिंग मशीन से पूरे वार्ड को कवर नहीं किया जाता है। दो से तीन मोहल्लों में धुआं उड़ाने के बाद मशीन गायब हो जाती है। बैरहना के दीपेश ने बताया कि पूरी फॉगिंग मेन रोड के आसपास की गलियों में की जाती है। अंदर के मोहल्लों में कर्मचारी जाने की कोशिश भी नहीं करते हैं। अलोपीबाग में बुधवार को हुई फॉगिंग में नौ में से केवल पांच मोहल्लों को ही कवर किया गया। बाकी मोहल्लों के लोगों ने इस सौतेलेपन पर नाराजगी जताई है।

पाइपलाइन लीकेज पर ध्यान नहीं

वार्डो में पाइपलाइन लीकेज होना भी डेंगू का बड़ा कारण है। क्योंकि इसके मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। पाइप से निकलने वाले पानी से रोज फैल रहा है। केवल अलोपीबाग में तीन दर्जन से अधिक लीकेज बताए जा रहे हैं। इनसे बहने वाला पानी इधर-उधर एकत्र हो रहा है। करेली वार्ड में भी पाइपलाइन लीकेज एक समस्या बनी हुई है। छोटा बघाड़ा में एक दर्जन जगह पाइप लाइन लीकेज की समस्या लोग परेशान हैं।

फॉगिंग तो महज एक बार की गई है। जो नाकाफी है और इसका कोई मतलब भी नहीं है। मेरे वार्ड में कम से कम तीन दर्जन पाइपलाइन लीकेज हैं। इसकी मरम्मत नहीं की जा रही। डेंगू फैलने का यह बड़ा कारण है।

-कमलेश सिंह, पार्षद, अलोपीबाग

वार्ड में डेंगू के कई मरीज सामने आए हैं। खुद मेरे बेटे को डेंगू हो गया है। इसका कारण नाली-नाला की सफाई नहीं होना है। इनकी सिल्ट काले से सफेद हो गई है और इनमें मच्छर पनप रहे हैं। नालियों में सफाई नहीं होने से पानी का फ्लो नहीं बन पा रहा।

-आनंद घिल्डियाल, पार्षद, कर्नलगंज

डॉ। काटजू रोड पर ढाई माह से लीकेज बना हुआ है। कई बार शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इससे निकलने वाले पानी से मच्छरों की संख्या बढ़ रही है। ठठेरी बाजार में डेंगू के तीन मरीज सामने आए हैं।

-जिया उबैद खान, पार्षद, सरायगढ़ी

बाढ़ के बाद से एक बार भी फॉगिंग नहीं हुई है। पूरे छोटा बघाड़ा में लोग परेशान हैं। 15 लोग डेंगू से बीमार हैं। अभी तक उनकी सुधि लेने कोई नहीं आया है। कम से कम दस जगह पाइप लाइन लीकेज होने से लगातार पानी बह रहा है।

-नितिन यादव, पार्षद, एलनगंज

पूरे वार्ड में डेंगू के 500 से अधिक मरीज हैं और अभी तक एक भी बार फॉगिंग नहीं कराई गई है। ससुर खदेरी नदी तक जाने वाले नाले की सफाई नहीं होने से वाटरलॉगिंग हो रही है। इससे आसपास के इलाकों में मच्छरों का जबरदस्त प्रकोप है।

-नफीस अनवर, पार्षद, करेली

Posted By: Inextlive