गणतंत्र दिवस के मौके पर इंडिया आ रहे अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा की सुरक्षा के लिये जो इंतजाम किये जा रहे हैं वो इससे पहले शायद ही भारत आगमन पर किसी के लिये किये गये हों. इससे पहले हम भारत आ रहे ओबामा की बेहद स्‍पेशल गाड़ी और दिल्‍ली में लगने वाले 15000 सीसीटीवी के बारे में सुन ही चुके हैं. अब खबर है कि गणतंत्र दिवस के लिए राजपथ पर बनी वीवीआईपी दीर्घा के आसपास सात चरणों वाली सुरक्षा व्यवस्था की गई है. यहां से अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारतीय गणतंत्र के महापर्व पर भव्य परेड का नजारा लेंगे.

हवाई क्षेत्र तक होंगे सुरक्षा के इंतजाम
बताया जा रहा है कि इस स्थान के वायु क्षेत्र की निगरानी के लिए खासतौर पर एक रडार को लगाया जायेगा. गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति बराक ओबामा समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आ रहे हैं. राष्ट्रीय राजधानी में इस दौरान जमीन से लेकर हवाई क्षेत्र तक सभी के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा के प्रबंध किये जा रहे हैं. सुरक्षा के ये विशेष प्रबंध ऐसे होंगे कि यहां कोई परिंदा भी पर न मार सके.
अभेद्य होगी किलेबंदी
जानकारी के अनुसार 26 जनवरी को दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था की ऐसी अभेद्य किलेबंदी की जा रही है कि यहां कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा. इसको लेकर राष्ट्रीय राजधानी के सभी क्षेत्रों की निगरानी व्यवस्था पर चौकस नजर रखने के लिए एक बहुएजेंसियों वाला नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया जा रहा है. इसी के साथ राष्ट्रपति ओबामा की भारत यात्रा के मद्देनजर इसे उच्चतम सतर्कता पर रखा जा रहा है. उल्लेखनीय है कि बराक ओबामा तीन दिनों की भारत यात्रा पर 25 जनवरी को भारत आ रहे हैं.
हाईकोर्ट पहले ही लगा चुका है फटकार
अमेरिकी राष्ट्रपति के आगमन पर दिल्ली में 15000 सीसीटीवी कैमरे लगाने पर पहले ही केंद्र को हाईकोर्ट से फटकार मिल चुकी है. ऐसे में हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति बीडी अहमद व न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की खंडपीठ ने सरकार को लताड़ लगाते हुये कहा था कि केंद्र ने विदेशी राष्ट्रपति के लिए शहर में इतने सारे सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, ये भारतीयों के लिए नहीं हैं. कोर्ट की ओर से यह सवाल उठाया गया है कि जब भारतीयों को ऐसी सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत होती है, उस समय केंद्र के कानों पर जूं क्यों नहीं रेंगती. ऐसे में अदालत ने केंद्र, दिल्ली सरकार व दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर पूछा भी है कि क्या ओबामा के जाने के बाद इन कैमरों को हटा दिया जायेगा. क्या इन्हें हटाने के लिए समयसीमा तय की गई है, या जब तक टूट नहीं जाएंगे, तब तक नहीं हटेंगे. इन सभी सवालों का जवाब देने के लिये हाईकोर्ट ने केंद्र को 30 जनवरी तक का समय दिया है.

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Posted By: Ruchi D Sharma