इंडियन क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने एन श्रीनिवासन पर क्रिकेटर्स के कोड ऑफ कंडेक्ट फॉलो ना करने के बावजूद एक्शन नहीं लेने के मुद्गल कमेटी के चार्जेज पर अपना एफिडेविट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करते हुए कहा कि ये एलिगेशन सही नहीं है.

आईपीएल सिक्स केस का इन्वेस्टिगेशन कर रही रिटायर जस्टिस मुकुल मुद्गल कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में फाइल की गयी अपनी रिपोर्ट में बोर्ड की रिस्पांसिबिलटीज से हटाए गए चेयरमैन एन श्रीनिवासन को फिक्सिंग और बेटिंग के एलिगेशंस में क्लीन चिट दी थी, लेकिन कमेटी ने श्रीनिवासन और बोर्ड के चार दूसरे ऑफीशियल्स पर कुछ क्रिकेटर्स के कोड ऑफ कंडेक्ट को ब्रेक करने की इंफार्मेशन होने के बावजूद एक्शन नहीं लेने का चार्ज लगाया था.
बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में फाइल अपने एफीडेविट में श्रीनिवासन का फेवर करते हुए कहा है कि रिपोर्ट में मेंशन किए गए तीनों क्रिकेटर्स को ओरली अलर्ट करते हुए डांटा गया था. उस समय के बोर्ड प्रेसिडेंट शशांक मनोहर ने भी क्रिकेटर्स के एक्सप्लेनेशन पर सैटिस्फैक्शन शो किया था. एफिडेविट में बीसीसीआई के सेक्रेटरी संजय पटेल ने बताया कि 18 नवंबर को बीसीसीआई ने मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट पर डिटेल डिस्कशन किया था. ओडिशा क्रिकेट एसोशिएशन के रिप्रेजेंटेटिव रंजीब बिस्वाल जो उस समय मौजूद थे, उन्होंने भी बताया कि प्लेयर्स को ओरली वार्न किया गया था. बिस्वाल उस दौरान इंडियन क्रिकेट टीम के मैनेजर थे.

तीन नवंबर को मुद्गल रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में फाइल किया गया था, जिसमें श्रीनिवासन को "इंडिविजुअल 13" बताते हुए कहा गया कि उन्होंने और बोर्ड के चार ऑफीशियल्स ने "इंडिविजुअल 3" यानि कल्पिट प्लेयर के वॉयलेशन ऑफ कोड ऑफ कंन्डेक्ट की इन्फॉर्मेशन होने के बावजूद उनके अगेंस्ट कोई एक्शन नहीं लिया.
इस रिपोर्ट को इंवेस्टिगेशन में शामिल लोगों के साथ शेयर किया गया, जिसमें आईसीसी चीफ श्रीनिवासन को फिक्सिंग या बेटिंग जैसे मामलों में इनवाल्व नहीं पाया गया था. लेकिन आईपीएल सीओओ सुंदर रमन, चेन्नई सुपर किंग्स के गुरूनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के को ओनर राज कुंद्रा पर करप्शन का डाउट किया गया है. केस की नेक्स्ट हियरिंग 24 नवंबर को होगी.

Hindi News from Cricket News Desk

Posted By: Molly Seth