आखिरकार केंद्र सरकार ने विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने वालों में तीन नामों का खुलासा कर ही दिया. केंद्र सरकार एक हलफनामा दायर कर विदेशी बैंकों में खाता रखने वाले तीन लोगों के नामों का खुलासा करने वाली थी. केंद्र सरकार की ओर से खोले गए ये नाम हैं राजकोट के पंकज चमनलाल डाबर समूह के निदेशक प्रदीप बर्मन और गोवा के खनन कारोबारी राधा टिम्‍बलू्. जैसे कि सूत्रों ने खुलासा किया था कि इन तीनों नामों में से किसी राजनीतिक दल से जुड़े वयक्ति का नाम नहीं होगा वह सच भी निकला.

क्या है नियम
काला धन मामले को लेकर सरकार को सुप्रीम कोर्ट को खासतौर पर यह बताना था कि जिनका विदेश के बैंकों में खाता है, उनका धन काला है या फिर नहीं है. गौरतलब है कि किसी विदेशी बैंक में खाता खोलना अवैध नहीं है. न ही तो इसके लिए आरबीआई की कोई अनुमति लेने की जरूरत होती है. नियमों पर गौर करें तो आरबीआई एक व्यक्ति को एक साल में विदेशी खाते में सवा लाख डॉलर रुपये भेजने की अनुमति देता है.   
कुछ ऐसा कहा था पूर्व वित्त मंत्री ने
बीते दिनों वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक टीवी चैनल से साक्षात्कार में कहा था कि काला धन रखने वाले खाताधारकों के नाम को जल्द से जल्द सार्वजनिक किया जाएगा. इसके साथ ही साक्षात्कार में उन्होंने यह भी कहा था कि इन नामों की वजह से कांग्रेस को भी शर्मिंदगी झेलनी पड़ सकती है. जेटली के बयान पर पूर्व वित्त मंत्री ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने टीवी चैनल से कहा कि काला धन रखने वालों की सूची के बड़े नाम को लेकर कांग्रेस को कतई शर्मिंदा नहीं होना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कालेधन की सूची में किसी निजी नेता का नाम उसका खुद का अपराध होगा. उससे कांग्रेस पार्टी को किसी भी कीमत पर नहीं जोड़ा जा सकता.

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Posted By: Ruchi D Sharma