यह भी जानें

-16 पेशेंट अभी तक मिले हैं डेंगू पॉजिटिव

-20 पेशेंट संदिग्ध मिलने पर भेजा गया सैंपल

-डेंगू के मिले दो नए पेशेंट, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में इलाज के लिए नहीं कोई इंतजाम

-स्वास्थ्य मंत्री ने मलेरिया वार्ड बनाने का दिया निर्देश तो डेंगू वार्ड कर दिया खत्म

बरेली: शहर में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है, लेकिन डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के लिए शायद डेंगू गंभीर नहीं है। इसीलिए अस्पताल प्रशासन ने वार्ड ही खत्म कर दिया। अभी हाल में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मलेरिया और डेंगू की रोकथाम और बचाव के निर्देश दिए थे। निरीक्षण के समय तो डेंगू वार्ड बना था, लेकिन मलेरिया वार्ड नहीं था जिस पर उन्होंने वार्ड बनाने का निर्देश दिया था। हैरत की बात है कि डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल प्रशासन ने डेंगू वार्ड को खत्म कर उसको मलेरिया वार्ड बना दिया। लेकिन सैटरडे को डेंगू के दो नए पेशेंट मिलने से हड़कंप मच गया। इस तरह से अभी तक 16 पेशेंट डेंगू पॉजिटिव मिल चुके हैं। ऐसे में सोचने वाली बात है कि जब वार्ड ही नहीं बचा है तो डेंगू पॉजिटिव पेशेंट का इलाज कहां पर होगा। वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से डेंगू पॉजिटिव पेशेंट की लिस्ट मांगी है जिसके बाद से हॉस्पिटल प्रशासन में खलबली मची हुई है।

किला-कैंट के दोनों पेशेंट

जिन दो पेशेंट में डेंगू पॉजिटिव मिला है वे किला और कैंट एरिया के हैं। शहर के मेन एरिया होने के बावजूद यहां पर सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। इसलिए यहां पर डेंगू ने डंक मारना शुरू कर दिया है। वहीं एक हफ्ते पहले डिस्ट्रिक्ट के अलग-अगल एरिया से डेंगू के 14 पेशेंट पॉजिटिव मिल चुके हैं। इसके बाद डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल गंभीर नहीं है।

35 मरीजों की हुई थी मौत

साल 2018 डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की लापरवाही के चलते 35 मरीजों की डेंगू से मौत हो गई थी। इसके बावजूद इस साल डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की तैयारी देखी जा सकती है। डेंगू वार्ड तक नहीं बना है और न ही लोगों को अवेयर किया गया है।

चल रहा शिफ्टिंग का खेल

डेंगू और मलेरिया ने पांव पसार दिया है लेकिन डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल अभी वार्ड ही तय नहीं कर पा रहा है। हर साल की तरह इस साल भी हार्ट वार्ड की जगह एडल्ट वार्ड को डेंगू वार्ड बनाया गया था, लेकिन मलेरिया का प्रकोप अधिक होने पर डेंगू वार्ड में मलेरिया वार्ड को शिफ्ट किया गया है। अब जब डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है तो वार्ड कहां बनाएंगे यह किसी को नहीं पता है।

कागजों में चल रहा अभियान

शासन की ओर से संचारी रोग के अंतर्गत आने वाली बीमारियां जैसे डेंगू, मलेरिया, बुखार आदि के बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ ग्राम पंचायत, आंगनबाड़ी, शिक्षा और नगर निगम को भी सौंपी गई है लेकिन कागजों में अभियान चलाकर यह विभाग खानापूर्ति कर रहे हैं जिसका खामियाजा शहरवासियों को जान देकर चुकाना पड़ रहा है।

इन शहरी क्षेत्रों से पंहुच रहे मरीज

शहर के किला, कैंट, सीबीगंज, सुभाषनगर से इस वर्ष संदिग्ध बुखार से पीडि़त मरीज जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। करीब 20 अन्य मरीजों की रिपोर्ट जांच के लिए लखनऊ भेजी गई है।

यह हैं डेंगू के लक्षण

1. तेज बुखार

2. खांसी

3. सुस्ती

4. जी मिचलाना

5. स्किन पर लाल चकत्ते

यह करें बचाव के लिए

1. साफ पानी पिएं।

2. सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखें।

3. बुखार आने पर तुरंत चेक कराएं

4. फुल स्लीव के कपड़े पहनकर सोएं

5. मच्छरदानी लगाकर सोएं

वर्जन

मलेरिया पॉल्सीफेरम के मरीजों की अधिकता के चलते डेंगू वार्ड में मलेरिया वार्ड को शिफ्ट किया है। मेडिकल कॉलेज से प्राप्त रिपोर्ट में 16 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। 20 मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है।

विनीत शुक्ला, सीएमओ।

Posted By: Inextlive